निजानंद संप्रदाय

त्रिदिवसीय श्री कृष्ण प्रणामी धर्म जागनी महोत्सव का इटावा में 30 जनवरी से प्रारंभ

श्री तारतम सागर परायण एवं तारतम महामंत्र का होगा सामूहिक जाप

इटावा उ.प्र.,realindianews.com। परमानन्द धाम – श्री कृष्ण प्रणामी मन्दिर इकदिल इटावा उ.प्र.में सच्चिदानंदघन अक्षरातीत परमात्मा श्री कृष्ण स्वरूप निष्कलंक विजयाभिनंदन बुद्धावतार महामति श्री प्राणनाथ जी व तीनों पुरी धामों की असीम अनुकम्पा व धामवासी परमहंस संत लाटबाबा जी महाराज, धामवासी परमहंस संत किशोरीदास जी महाराज के शुभाशीर्वाद से प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी तीन दिवसीय वार्षिकोत्सव 30जनवरी से प्रारंभ होने जा रहा है।परमानन्द धाम – श्री कृष्ण प्रणामी मन्दिर इकदिल इटावा उ.प्र. श्री तारतम सागर परायण एवं तारतम महामंत्र का सामूहिक जाप होगा। आयोजित कार्यक्रम में अंतर्राष्ट्रीय संत, गुरुजन, आचार्य, विद्वान व संगीतज्ञ पधार रहे हैं। 1 फरवरी को कार्यक्रम की पूर्णाहुति व अपराह्न 12 बजे से विशाल भंडारे के साथ महोत्सव का सम्मान होगा।
इनकी होगी उपस्थिति
प्रवचन कर्ता पूज्य गादीपति श्री ब्रह्मवेदान्ताचार्य जी महाराज, पूज्य गादीपति श्री ब्रह्मज्योति जी महाराज, पूज्य श्री पवन पुजारी जी महाराज, श्री गुन्जारीलाल तिवारी (ट्रस्टी पन्ना), विपश्यनाचार्य महिपाल जी महाराज, वेदान्ताचार्य डॉ. दयानन्द ध्रुव महाराज, आचार्य श्याम जी महाराज, साध्वी रेखा देवी, साध्वी श्यामलतादेवी, साध्वी अरुणादेवी, संत गोपाल जी महाराज, आचार्य बल्ला जी अवस्थी, संत राजशरण जी महाराज, शाखी श्यामशरण जी महाराज, शास्त्री कृष्णप्रिया जी महाराज, शास्त्री दशरथ जी महाराज, महंत फूलानन्द जी महाराज, महंत प्रभुदयाल जी महाराज पधार रहे हैं।
गुरुजनों का मिलेगा आशीर्वाद
आयोजित कार्यक्रम में प्रमुख संत आशीर्वाद वचन देने आ रहे हैं जिनमें परम पूज्य निजानन्द सम्प्रदायाचार्य जगदुरु आचार्य श्री श्री 108 श्री कृष्णमणि जी महाराज, परम पूज्य निजानन्द सम्प्रदायाचार्य जगदूरु आचार्य श्री श्री 108 श्री सूर्यनारायण दास जी महाराज एवं परमपूज्य धर्मगुरु डा. दिनेश एम. पंडित जी महाराज एवं पूज्यनीय पुजारीगण व ट्रस्टी जन श्री पांच पद्यावती पुरी धाम पन्ना जी से पधार रहे हैं। योग एवं भागवताचार्य स्वामी परमानन्द जी महाराज एवं आचार्य समर्पण महाराज जी ने बताया कि निवेदक व आयोजक प्राणनाथ मिशन विद्यापीठ (रजि.) है।प्रेरणाश्रोत -सदधर्मभूषण कविवर विशाल जी महाराज, जागनीरत्न शास्त्री वेदप्रकाश महाराज जी हैं।

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