कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने राज्य को नशा मुक्त बनाने की घोषणा करतेे हुए कहा-नहीं बनने देंगे नशे का अड्डा
बेंगलुरु
कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने राज्य को नशा मुक्त बनाने की घोषणा करतेे हुए कहा है कि किसी भी परिस्थिति में इसे नशीले पदार्थों का अड्डा नहीं बनने दिया जाएगा। उन्होंने कहा,"मैं राज्य को 'उड़ता कर्नाटक' नहीं बनने दूंगा।" गुरुवार को विधान परिषद में भाजपा सदस्य धनंजय सरजी के सवाल का जवाब देते हुए जी परमेश्वर ने उपरोक्त बयान दिया। धनंजय सरजी ने सवाल किया था कि क्या सरकार को पता है कि कॉलेज के छात्र नशे के आदी हो रहे हैं, कितने मामले दर्ज किए गए हैं और कितने में सजा हुई है। गृहमंत्री परमेश्वर ने जवाब दिया कि छात्रों को नशीले पदार्थ की आपूर्ति करने वाले तस्करों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि स्कूल और कॉलेज के छात्रों के बीच नशीले पदार्थों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। गृहमंत्री ने कहा, "पिछले साल 2,409 स्कूलों और कॉलेजों में जागरूकता अभियान चलाया गया। इससेे 3.95 लाख छात्र जुड़े थे। "इस साल जून तक हम 3,600 स्कूलों और कॉलेजों में 5.50 लाख छात्रों तक पहुंचे हैं। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि किसी भी परिस्थिति में छात्रों तक नशा न पहुंचे।
"हमारा मानना है कि अगर छात्रों को जागरूक किया जाए, तो वे नशेे से परहेज करेंगे।"
2022 में एनडीपीएस एक्ट के तहत 6,406 मामले दर्ज किए गए। 6,164 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। 3,881 मामले अदालत में ट्रायल स्टेज में हैं और 2,365 लोगों को दोषी ठहराया गया है। इसी प्रकार 2023 में 6,764 मामले दर्ज किए गए, 2,280 को गिरफ्तार किया गया, 4,187 मामले अदालत में ट्रायल स्टेज में हैं और 2,280 आरोपियों को दोषी ठहराया गया है। गृह मंत्री ने बताया कि इस साल 10 जुलाई तक 1,791 मामले दर्ज किए गए, 1,179 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, 884 मामले ट्रायल स्टेज में हैं और 189 आरोपियों को दोषी ठहराया गया है। गृह मंत्री परमेश्वर ने कहा कि राज्य में लगभग 150 करोड़ रुपये की नशीली दवाएं नष्ट की गई हैं। 10 टन मारिजुआना और 250 किलोग्राम सिंथेटिक ड्रग्स को जला दिया गया है। उन्होंने कहा कि नशीली दवाओं के खिलाफ लगातार लड़ाई जारी है।
उन्होंने कहा, "विदेशी छात्र नशीली दवाओं के व्यापार में शामिल हो रहे हैं और 150 विदेशियों की पहचान कर उन्हें निर्वासित किया गया है। इन पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। सीआईडी नारकोटिक्स डिवीजन को मजबूत करने के लिए एडीजीपी और आईजीपी का पद बनाया गया है।" उन्होंने कहा कि राज्य में 43 सीईएन (साइबर, नारकोटिक्स और आर्थिक अपराध) इकाइयां स्थापित की गई हैं और मामले दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। विदेश से आने वाले पार्सल की निगरानी की जा रही है। मोबाइल एप्लीकेशन 'मैपड्रग्स' शुरू की गई है और अगर इस ऐप के जरिए जानकारी दी जाती है, तो पुलिस तुरंत कार्रवाई करती है।
धनंजय सरजी ने कहा कि डार्क वेब के जरिए ड्रग्स आ रहे हैं और इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। कांग्रेस सदस्य सलीम अहमद ने कहा कि पुलिस के लोग ड्रग के धंधे में शामिल हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। गृहमंत्री परमेश्वर ने बताया कि हजारों मामले पहले ही दर्ज किए जा चुके हैं और सख्त कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने स्पष्ट किया, "अगर किसी पुलिसकर्मी को इस अवैध धंधे में शामिल पाया जाएगा, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।"