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राजस्थान-जयपुर विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव को लेकर धरना दे रहे छात्रों पर लाठीचार्ज

जयपुर.

राजस्थान विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर छात्रसंघ चुनाव की मांग को लेकर विभिन्न छात्र संगठनों ने एकजुट होकर धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारी छात्रों के बीच तनाव बढ़ने पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिससे कई छात्रों को चोट आई है। छात्रसंघ चुनाव को लेकर छात्रों का यह विरोध प्रदर्शन कई दिनों से चल रहा था। लेकिन गुरुवार को स्थिति तब गंभीर हो गई, जब एनएसयूआई, एबीवीपी और अन्य छात्र संगठनों के नेता एक साथ मिलकर प्रदर्शन कर रहे थे।

छात्रों का कहना है कि पिछले कई साल से विश्वविद्यालय प्रशासन चुनाव कराने में विफल रहा है, जिससे छात्रों के अधिकारों का हनन हो रहा है। प्रदर्शनकारी छात्रों ने मांग की कि विश्वविद्यालय प्रशासन तुरंत चुनाव की तिथि घोषित करे और छात्रों की लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा करे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रशासन जान बूझकर चुनाव को टाल रहा है। ताकि छात्रों की आवाज को दबाया जा सके। बता दें कि सुबह से ही विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर छात्र जमा होने लगे थे। छात्रों के हाथों में बैनर और पोस्टर थे, जिन पर 'चुनाव कराओ, लोकतंत्र बचाओ' जैसे नारे लिखे हुए थे। छात्रों ने प्रशासनिक भवन की ओर बढ़ने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोका। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच तीखी नोकझोंक हुई और स्थिति बेकाबू हो गई। स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया। लाठीचार्ज के बाद प्रदर्शन स्थल पर अफरा-तफरी मच गई। कई छात्र घायल हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। घटना के बाद छात्रों में आक्रोश फैल गया और उन्होंने पुलिस और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। घटना के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि प्रशासन जल्द ही छात्रों के प्रतिनिधियों से बातचीत कर समाधान निकालने की कोशिश करेगा। NSUI और ABVP के नेताओं ने लाठीचार्ज की निंदा की और कहा कि यह लोकतंत्र पर हमला है। उन्होंने मांग की कि दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और घायल छात्रों को उचित चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाए। यह घटना राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्रों के अधिकारों और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की सुरक्षा के मुद्दे को फिर से उजागर करती है। छात्र नेताओं ने घोषणा की है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे। उन्होंने छात्रों से शांति बनाए रखने की अपील की है, लेकिन यह भी स्पष्ट किया कि वे अपने अधिकारों के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। इस घटना ने न केवल विश्वविद्यालय के छात्रों को बल्कि पूरे राज्य के छात्रों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी आंदोलित कर दिया है। अब सबकी नजरे प्रशासन पर टिकी हैं कि वह इस स्थिति को कैसे संभालता है और छात्रों की मांगों का क्या जवाब देता है। राजस्थान विश्वविद्यालय की कुलपति अल्पना कटेजा ने अमर उजाला के साथ बातचीत में कहा था कि अगर सरकार उनसे छात्र संघ चुनाव करवाने के विषय में बात करेगी तो वह छात्रसंघ चुनाव करवाने के पक्ष में जवाब देंगी।

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