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श्रीरामचरित मानस गायन कर रही सगी बहनें

देश के कोने -कोने में सनातन धर्म की जगा रही अलख

Realindianews.com
भोपाल। आम तौर पर संगीत की शिक्षा लेने के बाद युवा वर्ग सुगम संगीत के स्टेज प्रोग्राम, फिल्मों में गायन तथा शास्त्रीय संगीत के कार्यक्रमों में अपना भविष्य देखते हैं। लेकिन डॉ. विनोद मिश्र से संगीत की शिक्षा प्राप्त कर रहीं दो बहनें इस तरह के विचारों से अलग अपनी संगीत कला को भगवत उपासना और सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार में उपयोग कर रही हैं। दोनों बहनें श्री रामचरित मानस गायन के प्रोग्राम ही स्वीकारती हैं और म.प्र. के साथ-साथ उ.प्र. में विशेषकर बनारस क्षेत्र तथा मिर्जापुर, भदोही आदि क्षेत्रों में कम समय में लोकप्रिय हुई हैं।
दो साल में हांसिल की लोकप्रियता तानसेन संगीत महाविद्यालय राजेन्द्रनगर में शिक्षा प्राप्त कर रहीं आरती शुक्ला और लक्ष्मी शुक्ला की जिन्होंने दो साल पहले अपने गांव के हनुमान मंदिर से श्री रामचरित मानस पाठ का गायन प्रारंभ करते हुये भगवान शिव की नगरी बनारस क्षेत्र से अपने इस अभियान की शुरुआत की। दोनों बहनों ने महज दो सालों में विन्ध्य क्षेत्र में अच्छी लोकप्रियता हासिल की।
दोनो बहने संगीत से किया एमए
आरती शुक्ला ने ग्रेजुएशन करने के बाद संगीत से एमए किया है। जबकि लक्ष्मी शुला 12वीं की छात्रा हैं और दो सालों से गायन की शिक्षा ले रही हैं। यह दोनों बहनें श्रीरामचरित मानस कार्यक्रमों में एकसाथ शिरकत करती हैं। हारमोनियम के साथ आरती शुला गायन करती हैं, जबकि उनका साथ लक्ष्मी शुक्ला देती हैं। परिवार में संगीत का माहौलआरती शुक्ला और लक्ष्मी शुक्ला को बचपन से ही संगीत का माहौल मिला। उनके परिवार में दादा स्व. रमाकांत शुला, संगीत प्रेमी होने के साथ-साथ हारमोनियम के साथ गायन करते थे, उनकी मधुर गायकी की चर्चायें आज भी उनको जानने वाले करते हैं।
पूरे परिवार में संगीत का बेहतर माहौल
आरती और लक्ष्मी के पिता भास्कर शुक्ला गायन वादन से दूर व्यवसाय करते हैं, लेकिन संगीत के प्रति उनकी गहरी आस्था है। यही वजह है कि उन्होंने अपनी दोनों बच्चियों और बेटे को संगीत की शिक्षा दिलाई है। आरती और लक्ष्मी के बड़े भाई हिमान्शु शुक्ला तबला और ढोलक बजाते हैं। इसके साथ ही बड़े पापा दिनेश शुक्ला उनकी बेटी सोनम तिवारी भी गायन में अच्छी पकड़ रखते हैं। कुल मिलाकर पूरे परिवार में संगीत का बेहतर माहौल है। आरती और लक्ष्मी शुक्ला नेबातचीत के उन्होंने दौरान बताया कि उनके पिता हमेशा संगीत के लिये फोर्स करते थे।
डॉ. विनोद मिश्र से सीख रहीं संगीत
आरती शुक्ला और लक्ष्मी शुक्ला तानसेन संगीत महाविद्यालय में मशहूर गायक डॉ. विनोद मिश्रा से संगीत की शिक्षा ले रही हैं। बताया गया है कि आरपी शुक्ला ने अपने संगीत शिक्षा की शुरुआत कोरबा छत्तीसगढ़ से की थी। इसके बाद कुछ समय उन्होंने रीवा में भी संगीत सीखा। साल 2021 में उनकेपिता सतना में अपना व्यवसाय करने लगे और परिवार यहीं शिप्ट हो गया। तभी से वह सतना में संगीत की शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। लक्ष्मी शुक्ला ने संगीत की शिक्षा लेना दो साल पहले प्रारंभ किया है और वह भी डॉ. विनोद मिश्र से संगीत सीख रही हैं।
यूपी में दिये ज्यादातर प्रोग्राम
आरती शुक्ला और लक्ष्मी शुक्ला ने अपने गांव रीवा जिले के दुलहरा के हनुमान मंदिर से श्रीरामचरित मानस गायन की शुरुआत की। इसके बाद पहला कार्यक्रम शिव की नगरी बनारस क्षेत्र में दिया। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा। अभी तक सैकड़ों प्रोग्राम रामचरित मानस के किये हैं।
आरती शुक्ला बताती हैं कि वह स्पेशल प्रोग्राम में बुलावे पर जाती हैं, सबसे ज्यादा कार्यक्रम उन्होंने यूपी क्षेत्र में दिये हैं। आरती और लक्ष्मी शुला का एक चैनल भी है, जिसका नाम विन्ध्य संगीत चैनल है। जिसमें उनके प्रोग्रामों के वीडियो देखे जा सकते हैं।

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