राजनीति

राहुल गांधी ने कहा, “हमारा संविधान गरीबों, वंचितों, अल्पसंख्यकों, किसानों, मजदूरों का सबसे बड़ा हथियार है

नई दिल्ली
 लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद राहुल गांधी ने कहा कि विपक्ष का नेता सिर्फ एक पद नहीं है, यह जनता की आवाज़ बनकर जनता के हितों और अधिकारों की लड़ाई लड़ने की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। राहुल गांधी ने कहा, “हमारा संविधान गरीबों, वंचितों, अल्पसंख्यकों, किसानों, मजदूरों का सबसे बड़ा हथियार है। हम उस पर किए गए हर हमले का पूरी ताकत से जवाब देकर उसकी रक्षा करेंगे। मैं आपका हूं और आपके लिए ही हूं। देश की जनता, कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और इंडिया गठबंधन के सहयोगियों का मुझ पर भरोसा जताने के लिए दिल से धन्यवाद।” वहीं, कांग्रेस आलाकमान ने  दिल्ली में हरियाणा के नेताओं के साथ आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर चर्चा की।

इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हरियाणा के किसानों और नौजवानों को भाजपा ने धोखा दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कांग्रेस पार्टी के सभी नवनिर्वाचित सांसदों व हर एक कांग्रेस कार्यकर्ता को हरियाणा में मिली जीत की बधाई दी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को राज्य की सभी छत्तीस बिरादरी के लोगों का विश्वास हासिल करना है। कांग्रेस अध्यक्ष ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा के 10 वर्षों के शासन ने हरियाणा के विकास को रोक दिया है। हरियाणा में हुई सैकड़ों भर्ती परीक्षाओं में धांधली हुई है। किसानों पर घोर अत्याचार हुए हैं और लाठियां बरसाई गई हैं। राज्य में दलितों, पिछड़ों पर अत्याचार हुए हैं, महिलाओं पर अत्याचार हुए हैं, अपराधों में तेजी आई है। हरियाणा में कुशासन है। इसी के चलते हरियाणा विकास के रास्ते से भटक गया है।

हरियाणा में कोई नया इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं बना। पावर सेक्टर में एक यूनिट बिजली भी नहीं जोड़ी गई। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल का नाम लिए बिना कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अब 9 साल के विफल मुख्यमंत्री को मोदी जी ने देश का ऊर्जा मंत्री बना दिया है। अग्निपथ योजना से हरियाणा के वीर देशभक्त जवानों के भविष्य से खिलवाड़ हुआ है। पीएम मोदी ने अन्नदाता किसानों का एमएसपी डेढ़ गुना करने का वादा हरियाणा में ही किया था, पर आज तक पूरा नहीं हुआ। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि ‘बेटी बचाओ’ योजना भी हरियाणा में शुरू हुई थी, पर हमारे ओलंपिक चैंपियंस को अपने सम्मान के लिए सड़कों पर धरना देना पड़ा। इससे दुर्भाग्यपूर्ण क्या हो सकता है। हम सब को एकजुट होकर जनता की आवाज बुलंद करनी है।

 

 

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