अपने चरित्र बल के कारण भारत विश्व गुरु-इंद्रेश कुमार
प्रखर चिंतक एवं विचारक इंद्रेश कुमार का कहना है, प्रबुद्ध संगोष्ठी में हुआ अमृतकाल पर चिंतन
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भोपाल। मध्य प्रदेश के सतना शहर में केशव बलिराम हेडगेवार स्मृति सेवा न्यास द्वारा आयोजित अमृत काल में प्रबुद्ध जन की भूमिका विषय पर आयोजित संगोष्ठी प्रखर चिंतक एवं विचारक राष्ट्रीय मुस्लिम मंच राष्ट्रीय स्वयंसेवक के राष्ट्रीय पदाधिकारी इंद्रेश कुमार के सान्निध्य में तथा अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा के कुलपति डॉ.राजकुमार आचार्य के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुई। अध्यक्षता न्यास के अध्यक्ष चिंतामणि चतुर्वेदी ने की। कार्यक्रम का संचालन न्यास के सचिव ललित शर्मा ने किया। अतिथि स्वागत कोषाध्यक्ष नरेंद्र चंद्र गुप्ता ने एवं आभार प्रदर्शन न्यास के उपाध्यक्ष उमेश दुबे ने किया।
पत्रकार डॉ.संजय पयासी का हुआ सम्मान
आयोजित कार्यक्रम में विध्य के वरिष्ठ पत्रकार संजय पयासी का इंद्रेश कुमार के द्वारा शाल श्रीफल से सम्मान किया गया। ज्ञात हो कि संजय पयासी विंध्य के वरिष्ठ पत्रकार के साथ विंध्य की प्रमुख समस्याओं पर हमेशा से चिंतन कर प्रदेश सरकार को अवगत कराते रहे हैं। आज देश में परिवर्तन का काल चल रहा है अमृत काल अमरता को प्रदर्शित करता है आजादी कालखंड में अनेक ऐसे मनीषियों ने भी अपना योगदान किया है जिन्हें हम सब सदा खुश मरण करते हैं और उनसे प्रेरणा लेकर जन कल्याण के कार्य हेतु ऊर्जा प्राप्त करते हैं।
अपने चरित्र बल के कारण भारत विश्व गुरु
इंद्रेश कुमार नें आगे कहा कि अपने चरित्र बल के कारण भारत विश्व गुरु है। हमारे नेताओं महापुरुषों ने नारे दिए। स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है। हम इसे लेकर रहेंगे। इंकलाब जिंदाबाद जान हथेली पर रखकर आगे बढऩा और जय हिंद व तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा। यह सब स्वतंत्रता व स्वाभिमान के लिए व निस्वार्थ भाव से हुआ रोटी देंगे कपड़ा देंगे इस भाव से नहीं हुआ।
हम सबका डीएनए है एक
स्वतंत्रता स्वाभिमान और संस्कृति विश्व के सभी आंदोलन हुए। हम सबका डीएनए एक है। जब सब प्रकार की चुनौतियां हो उस समय काम करना ईश्वर द्वारा प्रदत्त शुभ अवसर है। प्रत्येक कार्य स्वार्थ भाव से निस्वार्थ भाव से तथा परमार्थ भाव से होते हैं। यह परमार्थ भाव ही हिंदुत्व है। इंद्रेश कुमार ने कहा भारत की संस्कृति कर्म प्रधान तत्व पर आधारित है। कर्म रूपी मौलिक तत्व को ईश्वर ने बनाया है। आर्य हिंदू भारतीय सभी का भाव एक ही है मानसिक रोगी ही इसे साम्प्रदायिक कहते हैं। राष्ट्र प्रथम ही हमारा मूल मंत्र है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ भारत मां की सेवा सुरक्षा को समर्पित संगठन है। लाखों लाख मुसलमानों लाखों इसाइयों दस बारह लाख बौद्धों से विचार विमर्श किया। देश से छुआ छूट छोटा बड़ा भावना हटाना आवश्यक है देर नहीं करना चाहिए। जल्दी करना आवश्यक है। कितना भी पढ़ लिख ले अच्छा हिंदुस्तानी और सच्चा नागरिक बनना चाहिए है। इस चुनौती को काम करना हम जैसे लाखों कार्यकर्ताओं को भगवान द्वारा प्रदत्त आदेश है।
दूसरों के लिए चिंता करना ही हिंदुत्व
कोरोना काल में भारत की वैक्सीन भारत का काढ़ा भारत का लॉकडाउन भारत का योग प्राकृतिक चिकित्सा यहाँ का मानसिक सकारात्मक भाव पैदा करने वाले छोटे-छोटे उत्साह वर्धक प्रयास ताली बजाओ दीपक जलाओ ना होते तो पूरे विश्व में और अधिक लोग हताहत होते। उन्होंने कहा कि दूसरों के लिए चिंता करना ही हिंदुत्व है। इसे कोई राजनीति से प्रेरित कहे तो यह उनकी मानसिक बीमारी है। धारा 370 हटना देश की एकता और अखंडता का परिचायक है। हिंदू सभी का सम्मान करता है ना हम किसी के दुश्मन थे ना होंगे पर हमारे सुरक्षा सर्वोपरि है जो हमारा चरित्र है वह दुनिया के किसी के पास नहीं है। हम दुनिया में भातृ भाव रखना चाहते हैं दुनिया में युद्ध नहीं चाहते भाईचारा चाहते हैं कि हिंसा नही प्यार चाहते हैं। हमें भगवान ने उस धरती पर भेजा है जहां भगवान ने स्वयं जन्म लिया। हम दुनिया के सबसे सौभाग्यशाली लोग हैं।






