2 फरवरी से शुरू होंगे गुप्त नवरात्र
नौ दिनों में की जाएगी महाविद्याओं की आराधना
भोपाल, Real India News. कुछ दिनों के बाद 2 फरवरी से माघ महीने के गुप्त नवरात्र शुरू हो रहे हैं। गुप्त नवरात्र वर्ष में दस महाविद्याओं की आराधना की जाएगी। एक साल में चार बार नवरात्र आते हैं- माघ, चैत्र, आषाढ़ और आश्विन माह में। इनमें से माघ और आषाढ़ माह के नवरात्र गुप्त होत हैं। ये नवरात्र गुप्त विद्याओं की साधना के लिए यह श्रेष्ठ होत हैं। ज्योतिषाचार्य के अनुसार गुप्त नवरात्र में दस महाविद्याओं के साधना की जाती हैं। ये महाविद्याएं देवी मां का ही स्वरूप हैं। इन महाविद्याओं के नाम हैं- मां काली, तारा देवी, षोडषी, भुवनेश्वरी, भैरवी, छिन्नमस्ता, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी, और कमला देवी।
महाविद्याओं की साधना में नहीं होनी चाहिए कोई गलती
महाविद्याओं की साधनाएं सामान्य पूजा-पाठ से एकदम अलग होती हैं। सही जानकारी के बिना, योग्य गुरु की शिक्षा के बिना ये साधनाएं नहीं करना चाहिए। इन महाविद्याओं की साधना में अगर कोई गलती हो जाती है तो साधना निष्फल हो जाती है और गलतियों का अशुभ असर भी हो सकता है।
राहु, सूर्य और शनि की वजह से खास रहेंगे गुप्त नवरात्र
गुप्त नवरात्र में तांत्रिक कियाएं की जाती हैं। गुप्त साधनाओं में राहु की स्थिति ज्यादा महत्वपूर्ण होती है और राहुकाल के समय कुछ विशेष पाठ करने से इनमें बड़े लाभ प्राप्त होते है। इस बार गुप्त नवरात्र ग्रहों की स्थिति के अनुसार ज्यादा महत्वपूर्ण हो गए हैं। इस बार राहु अपनी मित्र राशि वृषभ में है। सूर्य-शनि मकर राशि में रहेंगे। सूर्य-शनि एक साथ एक ही राशि में होने से तंत्र क्रियाएं जल्दी सफल हो सकती हैं।