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जाम्बिया स्थित अंतर्राष्ट्रीय संरक्षण निकाय अफ्रीकन रिवर्स ने दक्षिणी अफ्रीकी देशों में हाथियों को मारने की योजना का किया विरोध

लुसाका
जाम्बिया स्थित अंतर्राष्ट्रीय संरक्षण निकाय अफ्रीकन रिवर्स ने दक्षिणी अफ्रीकी देशों में हाथियों को मारने की योजना का विरोध किया है। सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार संगठन ने यह स्वीकार करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन की घटनाओं का न केवल लोगों पर बल्कि वन्यजीवों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। कुछ दक्षिणी अफ्रीकी देशों द्वारा जंगली जानवरों को मारने का प्रस्ताव लाया जा रहा है,जो मानव और वन्यजीव कल्याण के लिए सही नहीं है।

अफ्रीकन रिवर्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बॉबसन सिकला ने कहा, ''वन्यजीवों को मारने से पारिस्थितिक संतुलन बिगड़ जाएगा। पशुओं की आबादी कम होने के साथ टूरिज्‍म में भी घाटा होगा।'' सिकला ने आगे कहा, ''हमारा संगठन संबंधित सरकारों और अन्य हितधारकों के साथ मिलकर सही उपायों को लागू करने के लिए तैयार है, जिससे 95 प्रतिशत हाथियों और अन्य वन्यजीवों को मारे जाने से बचाया जा सकेगा और सूखे से प्रभावित लगभग 60 प्रतिशत लोगों को भोजन भी मिल सकेगा।''

उन्होंने बताया कि अफ्रीकी रिवर्स ने इसके लिए 2024-2025 क्षेत्रीय परियोजना विकसित की है, जिसका उद्देश्य हाथियों और अन्य वन्यजीवों को बचाना है। इसके साथ ही दक्षिणी अफ्रीकी क्षेत्र में जलवायु-जनित भूख से जूझ रहे लोगों को भोजन उपलब्ध कराना है।

सिकाला ने बताया कि इस परियोजना के जरिए मनुष्यों और वन्य जीवों के लिए उपयुक्त राहत खाद्य पैकेजों के वितरण के साथ प्रभावित क्षेत्रों में जानवरों को पानी की आपूर्ति देने के साथ प्रभावित संरक्षित पार्कों में बोरहोल खोदने और बांध बनाने के लिए देशों को सहायता प्रदान करना शामिल है।

बता दें कि अल नीनो की घटनाओं के कारण 2023-2024 के दौरान कई दक्षिणी अफ्रीकी देश गंभीर सूखे से ग्रस्त हो गए हैं। संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के आंकड़ों से पता चलता है कि दक्षिणी अफ्रीका के कई भागों में 100 वर्षों से भी अधिक समय में सबसे खराब सूखा पड़ा है, वहीं 40 वर्षों में सबसे कम वर्षा हुई है।

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