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केजरीवाल जेल से बाहर आएंगे या नहीं? सुप्रीम कोर्ट आज 13 सितंबर को सुनाएगा फैसला..

नई दिल्ली

सुप्रीम कोर्ट जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर आज  फैसला सुनाएगा. दिल्ली सीएम केजरीवाल ने शराब नीति मामले में जमानत और सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी को रद्द करने की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर अब आज शुक्रवार के दिन फैसला सुनाया जाएगा. इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेता दुर्गेश पाठक को शराब नीति घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार के एक मामले में बुधवार को जमानत दे दी.

सीबीआई कर रही है घोटाले की जांच

इस मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई)कर रही है. विशेष न्यायाधीश कावेरी बवेजा ने, हालांकि इस मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 25 सितंबर तक बढ़ा दी. न्यायाधीश ने यह आदेश उस वक्त पारित किया जब आरोपी को पहले के आदेश के मुताबिक उसके समक्ष पेश किया गया. न्यायाधीश ने तीन सितंबर को केजरीवाल, पाठक और अन्य के खिलाफ आरोपपत्र पर संज्ञान लेते हुए कहा था कि उनके खिलाफ आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त सबूत हैं. उन्होंने न्यायिक हिरासत में बंद केजरीवाल के लिए पेशी वारंट जारी किया था और पाठक को 11 सितंबर को (आज) तलब किया था.

शराब नीति घोटाले में सीबीआई का बड़ा दावा

सीबीआई ने कुछ सप्ताह पहले केजरीवाल, पाठक, विनोद चौहान, आशीष माथुर और शरत रेड्डी के खिलाफ पूरक आरोप-पत्र दायर किया था. एजेंसी ने पिछले महीने अदालत को सूचित किया था कि उसने मामले में केजरीवाल और पाठक पर मुकदमा चलाने के लिए आवश्यक मंजूरी प्राप्त कर ली है. सीबीआई ने दावा किया है कि कथित आबकारी घोटाले से प्राप्त धन केजरीवाल की इच्छा के अनुसार खर्च किया गया. सीबीआई के अनुसार, उन्होंने (केजरीवाल ने) 2022 के गोवा विधानसभा चुनावों में अपनी पार्टी के प्रत्येक उम्मीदवार को 90 लाख रुपये देने का वादा किया था. एजेंसी ने अदालत से आरोप-पत्र पर संज्ञान लेने का आग्रह करते हुए यह दलील दी थी.

मामले में दाखिल चार्जशीट में क्या बताया गया

आरोप-पत्र में दावा किया गया है कि सह-आरोपी और आप के पूर्व संचार प्रभारी विजय नायर को केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप' के साथ सौदेबाजी करने के लिए नियुक्त किया था, जिसमें बीआरएस नेता के. कविता, राघव मगुंटा, अरुण पिल्लई, बुच्चीबाबू गोरंटला, पी शरत रेड्डी, अभिषेक बोइनपल्ली और बिनय बाबू शामिल थे. ये सभी इस मामले में सह-आरोपी हैं. सीबीआई के अनुसार, ‘साउथ ग्रुप' व्यापारियों और नेताओं का एक गिरोह है, जिसने शराब के लाइसेंस और अब समाप्त हो चुकी आबकारी नीति में संशोधन के बदले में दिल्ली की सत्तारूढ़ ‘आप' को 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी. सीबीआई ने दावा किया कि पाठक को गोवा चुनाव के लिए पार्टी प्रभारी नियुक्त किया गया था और रिश्वत के जरिये प्राप्त रुपये उनके निर्देश पर खर्च किये गये. आरोप है कि चुनाव खर्च से जुड़े सभी लेन-देन नकद में किए गए.

 

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