देश

किसान पंचायत में शामिल हुईं विनेश फोगाट, बोलीं- हमारा आवाज उठाना हर बार पॉलिटिकल नहीं होता

नई दिल्ली

शंभू बॉर्डर पर लंबे समय से चल रहे किसान आंदोलन को शनिवार को 200 दिन पूरे हो गए हैं. इस मौके पर किसानों ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन की योजना बनाई है. इसी बीच शनिवार को ओलंपियन रेसलर, महिला पहलवान विनेश फोगाट शंभू बॉर्डर पहुंची. यहां किसानों ने उनका माला पहनाकर स्वागत और सम्मान किया. जानकारी के अनुसार, इस विशेष कार्यक्रम में विनेश फोगाट को उनके समर्थन के लिए किसान आंदोलन के नेताओं द्वारा सम्मानित किया गया है.

अभी भी कम नहीं हुई किसानों की ऊर्जाः विनेश फोगाट
विनेश फोगाट ने किसानों के प्रति अपना समर्थन व्यक्त करते हुए कहा, "किसान अपने अधिकारों के लिए लंबे समय से यहां बैठे हैं, लेकिन उनकी ऊर्जा अभी भी कम नहीं हुई है. मैं खुद को भाग्यशाली मानती हूं कि मैं एक किसान परिवार में पैदा हुई. आपकी बेटी आपके साथ है. हमें अपने अधिकारों के लिए खड़ा होना होगा, क्योंकि कोई और हमारे लिए नहीं आएगा. मैं भगवान से प्रार्थना करती हूं कि आपकी मांगे पूरी हों, और जब तक आप अपने अधिकार नहीं ले लेते, तब तक वापस न लौटें." उन्होंने कहा कि 'हम जब अपनी मांगों के लिए अपनी आवाज उठाते हैं तो यह हर बार राजनीतिक नहीं होता. आपको हमारी बात सुननी चाहिए.'

उन्होंने आगे कहा, "यह हमेशा जाति या कुछ और के बारे में नहीं होता. मैं प्रार्थना करती हूं कि आपको आपके अधिकार मिलें, और हमारी बेटियां आपके साथ हैं."

किसानों के समर्थन में सरकार से अपील
विनेश फोगाट ने किसानों के समर्थन में सरकार से अपील करते हुए कहा, "किसान अपने अधिकारों के लिए 200 दिनों से बैठे हुए हैं और मैं सरकार से अपील करती हूँ कि उनकी मांगों को पूरा किया जाए. यह बहुत दुखद है कि उन्हें 200 दिनों से सुना नहीं गया है. हमें उन्हें देखकर अपने अधिकारों के लिए लड़ने की ताकत मिलती है."

क्या बोले किसान नेता सरवन सिंह पंधेर?

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने आंदोलन की प्रगति पर जोर देते हुए कहा कि यह शांतिपूर्ण तरीके से, लेकिन बहुत तीव्रता के साथ चल रहा है. उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार हमारे संकल्प की परीक्षा ले रही है और हमारी मांगें अब तक पूरी नहीं हुई हैं. हम एक बार फिर सरकार के सामने अपनी मांगें रखेंगे और नई घोषणाएं भी की जाएंगी." पंधेर ने कहा कि विरोध प्रदर्शन के 200 दिन पूरे होना एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो किसानों के दृढ़ संकल्प को दर्शाता है. शंभू सीमा पर आंदोलन के 200 दिन पूरे होने के अवसर पर किसान बड़ी संख्या में एकत्र हुए और प्रदर्शन कर रहे हैं.

2 सितंबर को सु्प्रीम कोर्ट में होने वाली है किसानों के मामले पर सुनवाई
बता दें कि शंभू बॉर्डर पर किसान बीते पांच महीने से डटे हुए हैं. अभी हाल ही में 22 अगस्त को प्रदर्शन कर रहे किसानों के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के साथ बैठक जारी रखने का निर्देश दिया था. इसी दौरान पंजाब और हरियाणा की सरकारों ने किसानों के साथ हुई मीटिंग की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी थी. यह मीटिंग सुनवाई से एक दिन पहले पटियाला में हुई थी. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पंजाब से कहा था कि वह कमेटी के सदस्यों के लिए अगले तीन दिन में नाम सुझा दे. इस मामले में अब अगली सुनवाई 2 सितंबर को होने वाली है.

400 किसान अब भी शंभू बॉर्डर पर
हफ्ते भर पहले सामने आई एक खबर के मुताबिक, पंजाब के अलग-अलग हिस्सों से करीब 400 किसान अभी भी शंभू बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं. हालांकि चावल की रोपाई के बाद अधिकांश किसान अपने खेतों में वापस लौट गए हैं. शंभू बॉर्डर पर 5 महीने से चल रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान 2 दर्जन से ज्यादा किसानों की मौत हो चुकी है. किसान यूनियनों ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि वे अपना मार्च कब फिर से शुरू करेंगे.

किसानों की हैं ये मांगें
शंभू बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) कर रहे हैं. किसानों ने तीन प्रदर्शनकारियों की रिहाई की मांग को लेकर शंभू रेलवे स्टेशन को जाम कर दिया था, लेकिन एक महीने बाद इसे खाली करा लिया गया. किसान यूनियनों की मांगों में दो दर्जन फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी, बुजुर्ग किसानों और मजदूरों के लिए मासिक पेंशन और कर्ज माफी शामिल हैं.

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button