राजनीति

बिना चुनाव लड़े असम की सत्ताधारी भाजपा ने जीत ली राज्यसभा की दो सीटें, कौन-कौन बने सांसद

गुवाहाटी
असम की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सोमवार को राज्यसभा की दो सीटें बिना चुनाव लड़े अपना झोली में कर ली हैं। सोमवार को नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख थी, जबकि राज्य में होने वाले राज्यसभा उप चुनाव के लिए भाजपा से केवल दो ही उम्मीदवार मैदान में थे। इसलिए उन दोनों भाजपा उम्मीदवारों का निर्विरोध चयन हो गया। जिन दो नेताओं का चुनाव राज्यसभा सांसद के रूप में हुआ है उनमें एक रामेश्वर तेली हैं, जबकि दूसरा नाम मिशन रंजन दास है।

इन दोनों नेताओं ने पिछले हफ्ते अपना नामांकन दाखिल किया था। सोमवार को नामाकंन वापसी की मियाद खत्म होने के बाद रिटर्निंग ऑफिसर राजीब भट्टाचार्य ने दोनों को निर्विरोध निर्वाचित होने का प्रमाण पत्र दिया।

भट्टाचार्य ने कहा, "चूंकि नामांकन वापस लेने के आखिरी दिन वे ही दो उम्मीदवार मैदान में रह गए थे, इसलिए तेली और दास दोनों को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया और उन्हें प्रमाण पत्र सौंप दिए गए।" 3 सितंबर को नौ राज्यों की 12 राज्यसभा सीटों के लिए होने वाले चुनाव के लिए नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 26 अगस्त (सोमवार) थी। पूर्व केंद्रीय मंत्री तेली और उत्तरी करीमगंज से चार बार विधायक रहे दास ने 21 अगस्त को नामांकन दाखिल किया था।

राज्य की दोनों राज्यसभा सीटें पूर्व केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल के डिब्रूगढ़ सीट से और कामाख्या प्रसाद तासा के काजीरंगा सीट से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद खाली हुई थीं। पहले भी दोनों सीटों पर भाजपा के सांसद थे, फिर दोनों सीटें भाजपा के ही खाते में गई हैं। सोनोवाल ने डिब्रूगढ़ से असम जातीय परिषद के अध्यक्ष लुरिनज्योति गोगोई को 279,321 मतों के अंतर से हराया था, जो INDIA गठबंधन के उम्मीदवार थे। तासा जून 2019 में राज्यसभा के लिए चुने गए थे। लोकसभा चुनाव में, उन्होंने काजीरंगा सीट से चुनाव लड़ा और कांग्रेस उम्मीदवार रोज़लिना तिर्की को 248,947 मतों से हराया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button