झारखंड में ATS की बड़ी कार्रवाई, छापेमारी कर AQIS के सात आतंकियों को पकड़ा
रांची
झारखंड एटीएस को बड़ी सफलता मिली है. एटीएस की टीम ने 14 जगहों पर छापेमारी कर अलकायदा इंडियन सबकॉन्टिनेंट (एक्यूआईएस) आतंकी संगठन के सात आतंकियों को पकड़ा है. एटीएस की टीम ने लोहरदगा और लातेहार सीमा पर स्थित हिंजला, हजारीबाग के पेलावल समेत अन्य कई जिलों में 14 जगहों पर छापेमारी कर सभी आतंकियों को गिरफ्तार किया है. लोहरदगा से गिरफ्तार हुए आतंकी के पास से हथियार भी बरामद हुआ है. गिरफ्तार आतंकियों से पूछताछ चल रही है. संभावना है कि जल्द ही एटीएस पूरे मामले का खुलासा करेगी. हालांकि गिरफ्तारी की अबतक कोई अधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हुई है.
इस्लामिक राज्य स्थापित करने के लिए जिहाद छेड़ना चाहता है AQIS
जानकारी के मुताबिक, अलकायदा इंडियन सबकॉन्टिनेंट का अंसारुल्लाह बांग्ला टीम आतंकी संगठन के साथ संबंध है. 2014 में स्थापित प्रतिबंधित आतंकी संगठन अल-कायदा की एक शाखा एक्यूआईएस कथित तौर पर अफगानिस्तान, पाकिस्तान, भारत, बर्मा और बांग्लादेश में सक्रिय है. समूह इस्लामिक राज्य स्थापित करने के लिए जिहाद छेड़ना चाहता है. इस आतंकी संगठन से जुड़े लोगों का उद्देश्य झारखंड में आतंक का प्रचार करना, समान विचारधारा वाले युवाओं को कट्टरपंथी बनाना और भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए भर्ती करना है, ताकि लोकतांत्रिक रूप से चुनी गयी सरकार को ‘नियम’ स्थापित करके उखाड़ फेंका जा सके और भारत में गजवा-ए-हिंद’ को लागू किया जा सके. गिरफ्तार सभी आतंकवादी इसके प्रचार प्रसार करने में ही जुटे थे.
क्या है संगठन का उद्देश्य
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पूछताछ पर आतंकी संगठन से जुड़े युवकों ने कहा कि संगठन का उद्देश्य क्षेत्र में आतंक का प्रचार करना, युवाओं को कट्टरपंथी बनाना, भारत में शरिया कानून स्थापित करने के साथ-साथ बांग्लादेश के खिलाफ युद्ध छेड़ने और भारत में गजवा ए हिंद को लागू करने के लिए एक नियमित भर्ती प्रक्रिया को अंजाम देना है.
झारखंड के सात जिले बने आतंकी संगठनों के स्लीपर सेल का ठिकाना
झारखंड के रांची, जमशेदपुर, हजारीबाग समेत सात जिले आतंकवादी संगठनों के स्लीपर सेल का ठिकाना बना हुआ है. इन सात जिलों में रांची, जमशेदपुर, हजारीबाग, रामगढ़, लोहरदगा, पाकुड़ और गिरिडीह जिला शामिल है. ये सभी जिले आतंकियों के स्लीपर सेल को पनाह देती रही है. यहां कई सालों से आतंकी अपनी गतिविधियों का रोड-मैप व साजिश की रूप-रेखा तैयार करते रहे हैं. पिछले 13 साल के दौरान राज्य इन सभी सातों जिले से आतंकवादी संगठनों के 26 स्लीपर सेल गिरफ्तार हो चुके हैं.