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भारत-बांग्लादेश सीमा पर मौजूदा स्थिति की निगरानी के लिए एक समिति का गठन, हिंदुओं की रक्षा के लिए भारत का बड़ा कदम

नई दिल्ली
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को घोषणा करते हुए कहा है कि मोदी सरकार ने बांग्लादेश में चल रहे हालात को देखते हुए भारत-बांग्लादेश सीमा (IBB) पर मौजूदा स्थिति की निगरानी के लिए एक समिति का गठन किया है। यह समिति बांग्लादेश में अपने समकक्ष अधिकारियों के साथ बातचीत बनाए रखेगी ताकि वहां रहने वाले भारतीय नागरिकों, हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

अमित शाह ने ट्वीट करते हुए लिखा, “बांग्लादेश में जारी हालात के मद्देनजर मोदी सरकार ने भारत-बांग्लादेश सीमा (आईबीबी) पर मौजूदा हालात पर नजर रखने के लिए एक समिति गठित की है। यह समिति बांग्लादेश में अपने समकक्ष अधिकारियों के साथ संवाद बनाए रखेगी ताकि वहां रहने वाले भारतीय नागरिकों, हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इस समिति की अध्यक्षता एडीजी, सीमा सुरक्षा बल, पूर्वी कमान करेंगे।”

गृह मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार हरसंभव प्रयास करेगी ताकि बांग्लादेश में भारतीय और हिंदू समुदायों के हितों की रक्षा की जा सके। इस समिति को विशेष रूप से भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा और स्थिति पर नजर रखने का कार्य सौंपा गया है। यह कदम हाल ही में बांग्लादेश में मची उथल-पुथल के बीच उठाया गया है, जिनमें भारतीय नागरिकों और अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई जा रही थी।

सोमवार को प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद से इस्तीफा देने और देश छोड़कर भारत आ जाने के बाद से जारी हिंसा में कई हिंदू मंदिरों, घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की गई है और अवामी लीग से जुड़े कम से कम दो हिंदू नेताओं की हत्या कर दी गई। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर हमलों की घटनाओं के बीच, संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुतारेस के एक प्रवक्ता ने कहा कि वह नस्ली आधार पर होने वाले किसी भी तरह के हमले या हिंसा भड़काने के खिलाफ हैं। वह बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों पर हो रहे हमलों के संबंध में महासचिव की प्रतिक्रिया से जुड़े सवालों के जवाब दे रहे थे।

बता दें कि नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख के तौर पर बृहस्पतिवार को शपथ ली। देश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण प्रणाली के खिलाफ और फिर सरकार विरोधी व्यापक प्रदर्शनों के बीच शेख हसीना ने सोमवार को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और देश छोड़कर चली गई थीं। बांग्लादेश में अफरा-तफरी के माहौल के बीच यूनुस ने देश की बागडोर संभाली है और उनके सामने फिलहाल देश में शांति बहाल करने और चुनाव कराने का जिम्मा है।

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