एक पत्रकार का मरणोंपरांत हुआ देहदान
संत मोतीराम आश्रम ने कराया पांचवा देहदान
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भोपाल। मध्य प्रदेश के सतना शहर में एक वृध्द पत्रकार नें देहदान कर अलख जगाई है। संत मोतीराम आश्रम के महंत स्वामी खिम्यादास द्वारा जगाई देहदान की अलख ज्योति से प्रेरित होकर मृत्यु के बाद मानवता के लिए वयोवृध्द पत्रकार छकौड़ी प्रसाद पांडेय ने जीवन रहते देहदान का जो संकल्प लिया था उनके परिजनों नें उनकी इच्छा पूर्ण कर दी।
शहर के पुष्पराज कालोनी निवासी वरिष्ठ पत्रकार छकौड़ी प्रसाद पांडेय के निधन होने पर परिजनों ने उनकी इच्छा अनुरूप संत मोतीराम आश्रम के महंत स्वामी खिम्यादास के आशीर्वाद से देहदान किया। श्री पांडेय चाहते थे कि उनकी मृत्यु पश्चात उनका शरीर मिट्टी में ना मिले बल्कि किसी के काम आए। इसलिए परिजनों ने उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार ना करते हुए पार्थिक देह को श्यामलशाह मेडिकल कॉलेज रीवा को सौंप दिया ताकि मेडिकल के विद्यार्थी अध्ययन कर सकें सतना में उनका नेत्रदान का भी संकल्प पूरा किया।
छकौड़ी प्रसाद ने 2022 को देहदान का लिया था संकल्प
14 मई 2022 को देहदान का फैसला लेते हुए छकौड़ी प्रसाद पाण्डेय (सम्पादक नुकीला पत्थर साप्ताहिक समाचार पत्र) ने कहा कि शरीर मृत्यु और दाह संस्कार के बाद केवल राख का ढेर रह जाता है यदि मानव कल्याण में हमारे अंग या देह किसी के काम आए तो इससे बढ़कर सौभाग्य की बात और क्या हो सकती है। परिजनों ने स्व.छकौड़ी प्रसाद जी का देहदान कर उनके संकल्प को पूरा किया। और अच्छा संदेश दिया उनके देहदान से चिकित्सा जगत को लाभ मिलेगा एवं सर्वसमाज में एक अच्छा संदेश जाएगा। परिवार ने देहदान के पूर्व सतगुरू सेवा संघ द्वारा नेत्रदान भी करवाया है।
विगत 13 वर्षों से हो रहा सेवा कार्य
सेवादार भाई प्रहलाद ने बताया कि संत मोतीराम आश्रम महंत स्वामी खिम्यादास के सानिध्य में पिछले 13 वर्षों से शहर के जाने-माने डॉक्टरो के सहयोग से निरंतर स्वास्थ्य सेवा के साथ-साथ देह दान की अलख जगाई है । आश्रम की प्रेरणा से प्रेरित होकर अभी तक 60 लोगों ने देहदान का संकल्प लिया है । 5 वी देह मेडिकल कॉलेज को सोंपी गयी। पांडेय जी के पूर्व चार देह मेडिकल कॉलेज को सौंपी जा चुकी है। अतुल दुबे का कहना है कि पांडे जी ने देहदान कर सर्वसमाज को जगा दिया हम उनके संकल्प और परिजनों को प्रणाम करते हैं। देह मेडिकल पहुंचने में सेवा संकल्प का विशेष सहयोग रहता है। इन मौके पर पद्मधर पाण्डे, विनोद गेलानी, शंकर कुशवाहा, राजू नागदेव, लख्मीचन्द पंकज मनवानी एवं आश्रम के कई सेवादारीगण उपस्थित रहे।