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भारत के इस स्कूल में भूखे पेट पढ़ते हैं छात्र

जानिए क्यों निर्मित हुई ऐसी स्थिति

Realindianews.com
भोपाल। मध्य प्रदेश के सतना जिले की सभी स्कूलों में बच्चों को दोपहर का भोजन दिए जाने के निर्देश हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी स्कूल हैं जिनकी भोजन व्यवस्था की ओर किसी भी जिम्मेदार का ध्यान नहीं है। मामला रामनगर विकासखंड की सुलखमां प्राथमिक विद्यालय का है। जहां अध्ययनरत छात्रों को पिछले 25 दिनों से एमडीएम नहीं मिला। बेबशी में छात्रों को अपने घर भोजन अवकाश के वक्त जाना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति इसलिए है क्योंकि विद्यालय में भोजन व्यवस्था सुनिश्चित करने का जिम्मा जिस महिला स्व सहायता समूह को दिया गया था वहां की अध्यक्ष सहित सभी सदस्यों के खिलाफ गबन का मुकदमा दर्ज हुआ था। सभी सदस्यों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है ऐसे में बीते 16 अगस्त 2023 से बच्चों को एमडीएम नसीब नहीं हो रहा।
बताया जाता है कि ग्राम पंचायत सुलखमां में दो प्राथमिक विद्यालय हैं। जिसमें से एक प्राथमिक शाला गडरिहान और दूसरा कोलान है। दोनों स्कूलों में लगभग एक सैकड़ा छात्र अध्ययन करते हैं। दोनों स्कूलों में एमडीएम का जिम्मा लक्ष्मी स्व सहायता समूह को दिया गया। लेकिन सभी सदस्य के खिलाफ रामनगर थाना पुलिस ने 17 अगस्त को प्रकरण दर्ज कर जेल भेज दिया। जेल जाने वाली महिलाओं में लक्ष्मी स्व सहायता समूह सुलखमा की आशा यादव (समूह अध्यक्ष), सुश्री कोमल गुप्ता, फुलझरिया, ममता, चंदाबाई, अनीता, गुड्डी, मुरतिया, कलाबती, बबली अनुसुइया, दुआसिया, फुद्दन और फूलबाई सहित अन्य के खिलाफ धारा 409, 420 ,468, 467, 471 का मुकदमा पंजीबद्ध किया गया था।


पत्राचार के बाद भी नहीं बदली स्थिति
प्राथमिक विद्यालय गडरियान टोला और कोलान बस्ती के हेडमास्टर के द्वारा बच्चों की भोजन व्यवस्था का सुचारू ढंग से संचालित करने के लिए बीआरसी रामनगर को पत्र लिखा गया। इसके बाद भी बीआरसी ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया। यही नहीं रामनगर जनपद पंचायत के एमडीएम प्रभारी भी इस प्रकरण से भलीभांति अवगत होने के बावजूद कोई निर्णय नहीं ले सके।
भूंखे पेट पढऩे की मजबूरी
दोनों विद्यालयों में पढऩे आने वाले छात्रों की एक ही कहानी है। सभी बच्चों के माता-पिता मेहनत मजदूरी पर निर्भर हैं। ऐसे में वे अपने बच्चों को सुबह का भोजन देकर काम करने के लिए खेतों अथवा गांव से दूर चले जाते हैं। ऐसे में कई घरों में दोपहर का भोजन नहीं बनता। स्कूल में एमडीएम न मिलने से सभी बच्चे भूंखे पेट ही पढ़ाई करने को मजबूर रहते हैं।
किसने क्या कहा
स्कूल में एमडीएम नहीं मिलने को लेकर स्कूल शिक्षक रामाऔतार रावत ने बताया कि हेडमास्टर ने बीआरसी को अवगत कराया है। इसके बाद भी कोई व्यवस्था नहीं की गई। वहीं जब जिला पंचायत के जिला कार्यक्रम अधिकारी आशीष द्विवेदी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मुझे इस बारे में जानकारी नहीं थी। बुधवार को ही वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी।

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