बच्चियों के साथ ऐसी दरिंदगी क्यों…?
मासूम बच्चों के साथ दुष्कर्म व हैवानियत से उद्वेलित है समाज
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भोपाल। मध्य प्रदेश के सतना जिले में बीते कई दिनों से मासूम बच्चियों के साथ दुष्कर्म व उसके पश्चात की गई दरिंदगी ने समाज के सभी वर्गों को उद्वेलित कर रखा है। सभी के मन में यह सवाल कौंध रहे हैं कि आखिर ऐसे कौन से कारण और कौन सी परिस्थितियां हैं जिनके चलते अपराधियों द्वारा हैवानियत की सारी हदें पार की जा रही हैं। रियल इंडिया न्यूज डॉट कॉम संवाददादा ने इन सभी सवालों के जवाब समाज के प्रत्येक वर्ग से तलाशने की कोशिश की है। शायद आपको भी लगे कि जो मोबाइल, सोशल साइट्स और टेलीविजन चैनल हमारे परिवार का अभिन्न अंग बने हुए हैं वही सब इस तरह की भयावहता पैदा करने वाली घटनाओं के लिए जिम्मेदार हैं।
बीते दिन दो नाबालिग बच्चियों के साथ देश का भविष्य कहे जाने वाले युवकों व्दारा की गई हैवानियत नें सभी को सोचने के लिए मजबूर कर दिया। जिस किसी से इस घटना के संबंध में राय ली गई तो अधिकतर लोगों का कहना है कि इस का मूल कारण मोबाईल और मोबाइल में मिलने वाली बे-रोक टोक अश्लील सामग्री की उपलब्धता हैं। आज टेलीविजन चैनलों में परोसे जाने वाले कार्यक्रम एवं अश्लील दृश्यों से भरी फिल्मों के बेहिचक प्रसारण ने युवाओं को अपना गुलाम बना लिया है। इस संबंध में बुजुर्ग महिलाओं का कहना है कि हमारी संस्कृति से दूर जाकर पाश्चात्य संस्कृति की ओर युवा वर्ग भाग रहा है जिस कारण ऐसी घटनाएं समाज में हो रही है।
समय के साथ सब बदल गया, जिम्मेदारी उठाने के लिए कोई तैयार नहीं
बुजुर्गों का कहना है कि समय के साथ सब कुछ बदल गया है। इसे रोकने के लिए सामाज का कोई वर्ग आगे नहीं आ रहा है जिस कारण समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। आज हमारे समाज को नैतिकता व संस्कार के विचार देने वाली कोई सामाजिक संस्था नहीं है। स्कूलों में कान्वेंट कल्चर के चलते स्कूली बच्चे सीधे तौर पर मोबाइल इंटरनेट में चौतरफा फैली गंदगी में डूबने के लिए तैयार बैठे हैं। परिवार का विघटन और बड़े बुजुर्गो की उपेक्षा तथा दिशाहीन शिक्षा पद्धति इसके लिए बहुत हद तक जिम्मेदार है। अगर युवाओं को सही-गलत का अंतर नैतिक दायित्व के रूप में नहीं समझाया गया तो मासूम बच्चियों के साथ इस तरह की हैवानियत की खबरें अखबारों की सुर्खियां बनती रहेंगी।
युवाओं की मनोदशा का बदलता स्वरूप बेहद खतरनाक
ऐसी वहशियाना घटनाओं के संबंध में चिकित्सकों का कहना है कि इस हैवानियत के लिए युवाओं की मनोदशा का बदलता स्वरूप जिम्मेदार है जो मोबाइल, इंटरनेट, सोशल मीडिया और टी.वी चैनलों तथा ओटीटी प्लेटफार्म पर बेरोक टोक परोसी जा रही अश्लीलता है जो सरलता से उपलब्ध है। जिस कारण युवा वर्ग देखा-सीखी ऐेसी हैवानियत कर बैठता है।
इनका कहना है-
-युवाओं के लिए मनोरंजन का साधन मोबाइल हो गया है। जिस पर किसी भी प्रकार का सेंसर नहीं है। फिल्मों तक में सेंसर है लेकिन मोबाइल में दिखाई जाने वाली वेब सीरीज हो या फिल्में हों सभी में कोई सेंसर नहीं है जिस कारण युवा वर्ग अश्लीलता को सरलता से अपने मोबाइल में पा रहा है। आज का मीडिया भी पहले से अधिक एक्टिव है जिस कारण लोगों तक शीघ्र ऐसी घटनाएं पहुंच जाती है। पहले भी ऐसी घटनाएं होती थी। लेकिन उस समय मीडिया इतना एक्टिव नहीं था।
-पूनम रल्हन, मनोवैज्ञानिक सलाहकार
- लड़कियों को समझदार होना होगा। लड़कियों व्दारा अपने माता-पिता की बातों को मानना होगा। सौ में 20 प्रतिशत ही लड़कियों के साथ ऐसी घटनाएं होती है अस्सी फीसदी घटनाओं के लिए लड़कियां ही दोषी होती है। अपने घर वालों को घटना हो जाने के बाद सूचना देती हैं। मोबाइल में बेटियों की किसी से मित्रता होना अच्छी बात का सूचक नहीं हैं। इसलिए मोबाइल बच्चों को 18 साल के बाद देना चाहिए। तभी ऐसी घटनाओं पर अंकुश लग सकता है।
- विभा नायक, समाजसेवी
-आज के बच्चों को संस्कार नहीं दिए जा रहे। जिस कारण ऐसी घटनाएं हो रहीं है। ऐसी घटनाओं के लिए समाज के साथ मां बाप भी दोषी है। ऐसे अपराधियों को सजा मिलनी चाहिए। ऐसी घटनाओं के लिए मोबाइल भी दोषी है। मोबाइल का उपयोग आज के युवा पढ़ाई में करते हैं वहीं कुछ युवा इसी मोबाइल का उपयोग कर गलत राह पकड़ लेते हैं। परिवार को बच्चों की हर गतिविधियों पर ध्यान देने की जरुरत है। बच्चों में संगत का असर भी पढ़ता है। परिवार के विखंडन एवं पैसा कमाने की आपाधापी में लगे माता पिता से दूर होते जा रहे अकेलेपन को दूर करने के लिए युवा मोबाइल का सहारा लेता है जिस कारण अपराध की दुनिया में सरलता से चला जाता है। परिवार वालों को बच्चों का मोबाइल भी समय-समय पर चेक करते रहना चाहिए। हो सके तो सिम चेन्ज करते रहना चाहिए। बच्चों को सोशल मीडिया से भी दूरिया बनाने की जरुरत है।
-रानी शुक्ला, समाजसेवी - ऐसी घटना को सुन कर मैं नि:शब्द हूं। जघन्य अपराध के लिए आरोपियों को फांसी होनी चाहिए। कानून में सुधार लाने की जरुरत है। न्यायालय में ऐसी घटना के लिए तुरंत फांसी की सजा होना चाहिए। हमारा देश राम का देश है। हमारे देश में ऐसी घटना गलत संदेश देती है। ऐसे अपराध समाज को शर्मसार करने वाले हैंै। हमारा देश बेटियों को कन्या के रूप में पूजता है। ऐसी घटना के लिए मूल रूप से सोशल मीडिया दोषी है। आज युवा वर्ग के पास मोबाइल रहते हैं। जिस कारण वे परिवार से अलग होकर क्या देख कर क्या कर दें इसे कोई नहीं जान पाता है। सरकार को इस पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। पढ़ाई के बहाने मोबाइल में क्या देखा जा रहा है इस के लिए परिवार वालों को ध्यान देने की सख्त जरुरत है।
- मंजूशा शाह, समाजसेवी
- ऐसी घटनाओं का मुख्य दोषी सोशल मीडिया है। सोशल मीडिया पर परोसे जाने वाला अश्लील चल चित्र सभी युवाओं को बरबाद कर रहा है। इस पर रोक लगनी चहिए। छोटे-छोटे बच्चों को मोबाइल ने बर्बाद कर दिया है। बेरोजगार होने के बाद युवा सोशल मीडिया में क्या कर रहे हैं यह किसी को पता नहीं है। इसे रोकने के लिए सख्त कानून बनाने की जरुरत है।
- – शशि अग्रवाल, लीनस क्लब अध्यक्ष
संदर्भ- हाल के दिनों में जिले की 3 बड़ी घटनाएं
1- जिले के मैहर में 12 साल की मासूम के साथ दिल दहला देने वाली वारदात गत दिवस हुई। मासूम को दो युवक चॉकलेट देने के बहाने जंगल ले गए फिर दोनों नें गैंगरेप किया। विरोध करने पर उसे पीटा। शरीर पर जगह-जगह काटा। जंगल में घसीटा। उसके प्राइवेट पार्ट में लकड़ी डाल दी। बच्ची बेसुध हुई तो मरा समझकर जंगल में फेंककर भाग गए। मासूम अभी रीवा अस्पताल में भर्ती है। उसकी हालत क्रिटिकल है। डॉक्टरों की टीम ने उसकी सर्जरी की है। एक महिला उसे गोद में उठाकर जंगल से पुलिस थाने लाई थी। उसने जो कहानी बताई, वह रोंगटे खड़े कर देने वाली है। रीवा में पीडि़ता से बयान के बाद दोनों आरोपियों अतुल कुमार बढोलिया और रवि कुमार रवि की शिनाख्त भी कराई गई। दोनो ही शारदा देवी मंदिर प्रबन्ध समिति के कर्मचारी थे।
2- रामनगर थाना क्षेत्र में शुक्रवार की दोपहर नाबालिग के साथ आरोपी विजय साकेत निवासी मिरगौती ने घर के पीछे जंगल में जबरदस्ती की। नाबालिग से एकतरफ ा प्यार की दीवानगी दिखाते हुए विजय हैवानियत पर उतर आया। पीडि़ता ने घर पर अपने माता-पिता को घटना की जानकारी दी। जिसके बाद रामनगर थाना में शिकायत दर्ज कराई गई। रामनगर पुलिस ने दबिश देकर कुछ ही घंटों के अंदर आरोपी विजय साकेत को गिरफ्तार कर लिया।
3-रामनगर के ही पास स्थित एक गांव में मनचले युवक की हरकतों से परेशान होकर एक महिला ने आत्महत्या कर ली। बताया जाता है कि आरोपी बीते कई महीनों से पीडि़ता को मोबाइल पर अश्लील संदेश भेज रहा था तथा उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाने का दबाव बनाता था। साथ ही पीडि़ता को सार्वजनिक तौर पर बदनाम करने की धमकी भी देता रहता था। परेशान महिला ने इन सबसे छुटकारा पाने के लिए अपनी ही जान दे दी।