उपभोक्ताओं को राहत पहुंचाने खाद्य मंत्री का नवाचार
भोपाल
इलेक्ट्रॉनिक तौल उपकरणों पर सत्यापन पश्चात उसमें किसी भी प्रकार की हेराफेरी न हो एवं तौल उपकरण की प्रमाणिकता सुनिश्चित करने के उदेश्य से तौल उपकरणों के मुद्रांकन में पेपर सील का उपयोग किया जाएगा। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया है कि इलेक्ट्रॉनिक तौल उपकरणों पर सत्यापन स्टाम्प लगाये जाने के लिये पूर्व प्रक्रिया के साथ-साथ पेपर सील का भी उपयोग किया जाएगा। पेपर स्टॉम्प बनाये जाने के लिये ऐसी पेपर सामग्री का उपयोग किया जाएगा जो आसानी से कटे-फटे नहीं एवं पानी या तेल लगने पर खराब न हो। इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक तौल उपकरण पर चिपकाने वाले पेपर स्टॉम्प का उपयोग किया जायेगा। मंत्री श्री राजपूत ने बताया है कि पेपर स्टॉम्प को तौल उपकरण पर चिपकाने के लिये ऐसा गोंद इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे पेपर स्टॉम्प एक बार तौल उपकरण पर चिपकाने के पश्चात् बिना कटे-फटे न निकल सके। इसके अलावा प्रत्येक पेपर स्टाम्प पर मध्यप्रदेश शासन का लोगो अंकित किया जाएगा।
परीक्षण के लिए बनाई पांच सदस्यीय समिति
विभाग द्वारा इस नवाचार को अपनाने के लिए मंत्री श्री राजपूत के निर्देश पर विभागीय अधिकारियों की एक 5 सदस्यीय समिति का गठन किया गया। समिति ने इलेक्ट्रॉनिक तौल यंत्रों पर पेपर स्टॉम्प लगाये जाने की अनुशंसा की है।
किसी भी प्रकार की हेराफेरी रोकना है मुख्य उद्देश्य
मंत्री श्री राजपूत ने बताया कि प्रदेश के व्यापारियों द्वारा इलेक्ट्रॉनिक तौल उपकरणों का निरंतर उपयोग किया जा रहा है। इलेक्ट्रॉनिक तौल उपकरणों पर मुद्रांकन के लिये उपयोग में लाई जाने वाली सत्यापन प्लेट में एकरूपता नहीं है। मुद्रांकन के लिए उपयोग में लाई जाने वाली सत्यापन प्लेट के निर्धारित प्रारूप नहीं होने से इसकी प्रमाणिकता निर्धारित करना संभव नहीं है।
बाजार में उपलब्ध एवं अनुज्ञप्तिधारकों द्वारा छपाई जाने वाली सत्यापन प्लेटों में कोई भी निगरानी तंत्र न होने से बडे स्तर पर विभागीय राजस्व की चोरी होने और नकली मुद्राओं के द्वारा स्टॉम्प करने की संभावना हमेशा बनी रहती है। राज्य के बाहर से आने वाले तौल यंत्रों के और राज्य के भीतर निर्मित होने वाले तौल उपकरणों पर लगी स्टॉम्प को पहचानना संभव नहीं है। इलेक्ट्रॉनिक तौल उपकरणों पर स्टॉम्प लगाने एवं सीलिंग का मुख्य उद्देश्य तौल उपकरणों की प्रमाणिकता को बनाये रखना और सत्यापन पश्चात उसमें किसी भी प्रकार की हेराफेरी को रोकना है।