झोले में बेटे की आंत लेकर अस्पताल पहुंचे मरीज को मिला नया जीवन
डॉक्टर संजय माहेश्वरी की मौजूदगी में 6 घंटे तक चला जटिल आपरेशन
Realindianews.com
भोपाल। प्रदेश सतना शहर में प्रतिष्ठित एमपी बिरला अस्पताल में आए एक युवक का अत्यंत जटिल आपरेशन कर उसे नया जीवन दान दिया गया। यह आपरेशन प्रदेश के जानेमाने चिकित्सक डॉ. संजय माहेश्वरी ने किया है। आपको बतादें पिछले दिनों बुन्देल खण्ड हाइवे में एक बड़ा सड़क हादसा हो गया था, जिसमें घायल बालक के परिजन झोले में आंत लेकर बिरला अस्पताल पहुंचे थे। हादसा इतना भीषण था कि बालक के पेट को फाड़ कर सारी आंते सड़क पर बिखर गई थी। जिन्हे बालक के पिता और बहन ने समेट कर झोले में भरा और आसपास के लोगों की मदद से बिरला अस्पताल पहुंचे थे। उसके बाद बिरला अस्पताल के चिकित्सकों ने अपना शत प्रतिशत देते हुए बुरी तरह से जख्मी बालक का इलाज कर उसे नया जीवनदान दिया।
छ: घंटे चले ऑपरेशन के बाद बालक को मिला नया जीवन
एमपी बिरला अस्पताल के डायरेक्टर डॉक्टर संजय माहेश्वरी ने बताया कि 14 वर्षीय बालक अभय कुशवाहा जो अपने पिता और बहन के साथ मोटर साइकिल से बांदा की यात्रा पर था, उसका एक्सीडेंट एक अज्ञात वाहन से हो गया था। यह दुर्घटना काफी भीषण थी, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है की दुर्घटना उपरान्त उक्त बालक को जब इलाज हेतु अस्पताल लाया जा रहा था तब उसकी आंते बाहर निकल आयी थी और पूरा पेट फट गया था। इस दुर्घटना में उसके पिता और बहन को भी गंभीर चोटें आयी हैं और वो दोनों भी अभी बिरला अस्पताल में भर्ती हैं। जटिल ऑपरेशन के सम्बन्ध डॉक्टर संजय माहेश्वरी ने कहा कि यह अत्यंत ही दुर्लभ किस्म का केस था, जिसमें पूरी आंतें और शरीर के मुख्य अंग क्षतिग्रस्त हो गए थे, टीम के साथ लगातार 6 घंटे ऑपरेट करने के बाद उस बालक का जीवन बचाया जा सका।
रात दो बजे तक चला ऑपरेशन
बिरला अस्पताल के डायरेक्टर डॉक्टर संजय माहेश्वरी ने बताया कि उक्त बालक का 6 घंटे तक ऑपरेशन किया गया, जिसके बाद सफलता हाथ लगी थी। ऑपरेशन शाम 8 बजे से रात दो बजे तक चला था। ऑपरेशन करने वाली टीम की अगुवाई डॉक्टर संजय माहेश्वरी ने की थी। उनके साथ डॉक्टर अंकिता सिंह (एनेस्थीसिया) सिस्टर नीना, डॉक्टर रेखा माहेश्वरी, डॉक्टर अनिल और स्टाफ राजेश, आशा, शैलेश, राकेश, कामता, रमेश का सराहनीय योगदान रहा। डॉक्टर संजय माहेश्वरी ने आपरेशन के विवरण, चिकित्सा प्रक्रिया, संभावित समस्याओं और मरीज के स्वास्थ्य परिणामों की महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गई। इसके अलावा अस्पताल के इंफ्रास्ट्रक्चर, उपकरणों की तकनीकी विशेषताओं, टीम के प्रयासों और संघर्ष पर चर्चा की गई।