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बंदियों को नेकराह में चलने का ज्ञान देने वाली महिला अधिकारी सलाखों में पहुंची

हमेशा से विवादों में रही है यह महिला अधिकारी

Realindianews.com
मध्य प्रदेश के उज्जैन सेंट्रल जेल में बंदियों को नेकराह में चलने का ज्ञान देने वाली एक महिला अधिकारी भ्रष्टाचार के मामले में सलाखों के पीछे चली गई है। 15 करोड़ के गबन मामले में जेल अधीक्षक ऊषा राज को पुलिस ने जेल से हिरासत में लिया है। उनसे पूछताछ की जाएगी। हालांकि जेल अधीक्षक खुद को बेकसूर बता रहीं है। एक दिन पहले यानी शुक्रवार को ही उषा राज को भोपाल जेल मुख्यालय ट्रांसफर किया गया था। उज्जैन केंद्रीय भैरवगढ़ जेल में डीपीएफ में 15 करोड़ के गबन का मामला सामने आया था। तत्कालीन जेल अधीक्षक उषा राज पर गबन का आरोप है। इसी मामले में शुक्रवार रात उषा राज को यहां से हटाकर भोपाल जेल मुख्यालय अटैच कर दिया गया था। रात में ही इसके आदेश भी जारी हो गए थे। बताया जा रहा है कि उषा राज की जेल में तानाशाही थी। उनकी प्रताडऩा का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उनके हटने की खबर सुनकर शनिवार दोपहर जेल के बाहर आतिशबाजी करते हुए जश्न मनाया गया। एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई भी दी गई। ढोल भी बजवाए गए। इसी बीच, उषा राज अपनी फाइलें और कुछ सामान लेने के लिए केंद्रीय जेल पहुंचीं।
जेल से ही पुलिस ने हिरासत में लिया
उषा राज उज्जैन से इंदौर चली गई थीं। शनिवार की सुबह वह दोबारा जेल पहुंची। उन्हें कुछ फाइलें और सामान लेना था। दोपहर होते-होते भैरव गढ़ थाना पुलिस भी पूछताछ के लिए सेंट्रल जेल पहुंच गई। पुलिस ने जेल अधीक्षक से बाहर आने के लिए कहा, लेकिन वह नहीं आईं। इसके बाद पुलिस बल के बीच, जेल अधीक्षक उषा राज को पुलिस ने अंदर जाकर हिरासत में ले लिया।
पुलिस से कहती रहीं मुझे हाथ मत लगाओ
जब पुलिस जेल अधीक्षक को हिरासत में लेने के लिए पहुंची, तो उन्होंने काफी इंतजार करवाया। आखिरकार पुलिस ने उन्हें पकड़ा, तो जेल अधीक्षक भड़क गईं। उन्होंने कहा कि मुझे हाथ मत लगाओ। मैं खुद ही चल रही हूं। मैं बेकसूर हूं। सभी सवालों का जवाब दूंगी।
जेल अधीक्षक बोलीं- मुझे फंसाया गया
इस दौरान जेल अधीक्षक ने मीडिया से कहा कि मैं पूरी तरह बेकसूर हूं। जेल में मेरे खिलाफ साजिश रची गई है। मुझे अभी रिलीव भी नहीं किया गया। मेरे लिए तो अच्छा है कि मैं इस टेंशन से दूर रहूंगी। रिलीव नहीं होने के बावजूद मुझसे मेरा स्टाफ वापस ले लिया गया। ये गलत है। मामले की जांच चल रही है। सच्चाई सामने आएगी। साइबर क्राइम हुआ है। मैं खुद भी मामले की जांच की मांग कर रही हूं। मुझे फंसाया गया है। बंदियों ने कभी शिकायत की क्या? कि कभी उन्हें खाना नहीं दिया गया। जिन लोगों की दुकानें बंद हुई हैं, उन्होंने मेरे खिलाफ साजिश रची है। मैं खुद यहां से हटने के लिए इच्छुक थी। क्योंकि यहां मैं सुरक्षित नहीं थी। शासन के आदेश का मैं पालन करूंगी।

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