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रिश्वत लेते थाना प्रभारी एवं पटवारी बंदी

गाड़ी छोडऩे की एवज मांगे थे रुपए

Realindianews.com
मध्य प्रदेश में रिश्वत लेने वाले छापा मार कार्रवाही के बाद भी अपना का छोड़ नहीं रहे है। मंगलवार को रीवा यातायात थाना प्रभारी को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ाया गया। गाड़ी छोडऩे की एवज में रुपए मांगे थे। एक आरक्षक भी इसमें शामिल था। वहीं सीधी में रीवा लोकायुक्त टीम ने एक पटवारी को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है।
10 हजार 500 रुपए की रिश्वत लेते सूबेदार गिरफ्तार
अपनी कार्यप्रणाली से रीवा यातायात थाने को बदनाम कर रहे यातायात थाना प्रभारी सूबेदार दिलीप तिवारी का काला चि_ा आखिरकार उजागर हो ही गया। दरअसल सूबेदार दिलीप तिवारी और अमित सिंह बघेल आरक्षक चालक 189 को रीवा लोकायुक्त पुलिस ने यातायात थाने में ही 10 हजार 500 रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों ट्रेप किया है।
नवल किशोर रजक की शिकायत पर कार्रवाही
लोकायुक्त पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता नवल किशोर रजक 24 मार्च 2023 को बोलेरो पिकअप में कूलर लोड करके सीधी मझोली जा रहा था ढेकहा तिराहे पर चेकिंग के नाम पर गाड़ी पकड़ ली गई तथा गाड़ी को छोडऩे के एवज में 15,000 रुपए की रिश्वत की मांग की गई थी बातचीत के दौरान 10,500 रुपए में गाड़ी छोडऩे की बात हुई।आज जैसे ही आवेदक के द्वारा यातयात थाने में जाकर दिए गए 10,500 रुपए की रिश्वत आरोपी थाना प्रभारी दिलीप तिवारी ने लिए उसे लोकायुक्त की 12 सदस्यीय टीम ने रंगे हाथ पकड़ लिया। ट्रेप दल के सदस्य- निरीक्षक जियाउल हक, प्रवीण सिंह परिहार व 2 पांच साक्षी सहित 12 सदस्यीय टीम रही।
सीधी में लोकायुक्त टीम ने पटवारी को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा
वहीं दूसरी ओर लोकायुक्त टीम रीवा ने सीधी जिले के मड़वास पटवारी को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है। यह कारवाई मंगलवार सुबह करीब 11 बजे की गई है। जमीन की इतलावी के लिए रिश्वत की मांग की गई थी। तहसील कार्यालय एवं पटवारी के निवास पर रिकार्ड देखे जा रहे हैं। बता दें कि रमेश तिवारी निवासी जोडउरी ने लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत किया था कि राजेश कोल पटवारी जमीन के इतलाबी के लिए 4000 रिश्वत की मांग कर रहे हैं। पैसा नहीं देने पर कार्य नहीं किया जा रहा था, ऐसे में दोनों के बीच तय बात पर मंगलवार की सुबह 11 बजे 2000 रिश्वत देने तहसीलदार कार्यालय में पहुंचा। तब तक लोकायुक्त की टीम अपना जाल बिछा चुकी थी। जैसे ही रमेश तिवारी ने पटवारी को रिश्वत दिया तो लोकायुक्त टीम रंगे हाथ पकड़ लिया। यह दूसरी किस्त रही है। पहली किस्त 2000 पहले ले चुका था।

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