नीट पेपर लीक मामले में आरोपी पिंटू को झारखंड के देवघर से गिरफ्तार किया गया, EOU की बड़ी कार्रवाई
झारखंड
नीट पेपर लीक केस के मामले में EOU ने बड़ी कार्रवाई की गई है। आरोपी पिंटू को झारखंड के देवघर से गिरफ्तार किया गया है। पिंटू ने ही आरोपियों तक पेपर पहुंचाया था। पुलिस ने बताया कि चिंटू और पिंटू ही पटना के अलग-अलग ठिकानों से अभ्यर्थियों को लेकर लर्न प्ले स्कूल पहुंचे थे। यह दोनों संजीव मुखिया गिरोह से जुड़े हैं। नीट पेपर लीक का मास्टरमाइंड संजीव मुखिया अभी फरार चल रहा है।
चिंटू के ही मोबाइल पर प्रश्न पत्र और उत्तर आए थे
चिंटू उर्फ बलदेव कुमार और पिंटू ने ही लर्न प्ले स्कूल में सारी व्यवस्था की थी। पांच मई की सुबह करीब नौ बजे चिंटू के ही मोबाइल पर प्रश्न पत्र और उत्तर आए थे। चिंटू ने प्रश्न पत्र और उत्तर प्रिंट कर अभ्यर्थियों को रटने को दिए थे। इसके बाद सभी को कार से अपनी निगरानी में परीक्षा केंद्र तक छोड़ने की जिम्मेदारी भी चिंटू और पिंटू की ही थी। संजीव मुखिया ने चिंटू और पिंटू को पटना की सारी जिम्मेदारी दे रखी थी।
झारखंड से छह लोगों को हिरासत में लिया
इससे पहले बिहार पुलिस ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में झारखंड के देवघर जिले से छह लोगों को हिरासत में लिया है। एसडीपीओ (देवघर सदर) ऋत्विक श्रीवास्तव ने बताया, "बिहार पुलिस ने हमें सूचना दी थी। हमारी पहचान के आधार पर उन्हें हिरासत में ले लिया गया। सभी संदिग्धों को बिहार ले जाया गया है।"
झुनू सिंह के घर पर रह रहे थे संदिग्ध
उन्होंने बताया कि संदिग्ध कथित तौर पर झुनू सिंह नामक व्यक्ति के घर पर रह रहे थे। देवघर पुलिस द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, उनकी पहचान परमजीत सिंह उर्फ बिट्टू, चिंटू उर्फ बलदेव कुमार, काजू उर्फ प्रशांत कुमार, अजीत कुमार, राजीव कुमार उर्फ कारू (सभी बिहार के नालंदा जिले के निवासी) और पंकू कुमार के रूप में हुई है।
पांच मई को हुई थी नीट-यूजी परीक्षा
एनटीए ने 5 मई को नीट-यूजी का आयोजन किया था, जिसमें करीब 24 लाख उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया था। इसके नतीजे 4 जून को घोषित किए गए, लेकिन उसके बाद बिहार जैसे राज्यों में प्रश्नपत्र लीक होने के अलावा अन्य अनियमितताओं के आरोप भी लगे।