डिंडौरी में तेजी से बढ़ रहे सिकल सेल के मरीज, जीन में ही आती है ये बीमारी
डिंडौरी
आदिवासी बाहुल्य जिले में सिकल सेल एनीमिया पीड़ित लगातार बढ़ रहे है। इस जिले में सिकल सेल पीड़ितों की संख्या बढ़ने का सबसे बड़ा कारण विवाह के पूर्व रक्त परीक्षण कराने से आदिवासी और बैगा जनजाति के वर-वधुओं का दूरी बनाना है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा विवाह के पहले आदिवासी जनजाति के युवक युवतियों की सिकल सेल जांच के लिए जागरूक करने का दावा तो किया जाता है, लेकिन इसके अपेक्षित परिणाम सामने नहीं आ रहे हैं। जिले में सिकल सेल पीड़ित 1970 मरीज स्वास्थ्य विभाग में दर्ज हैं, जबकि सिकल सेल संवाहकों की संख्या लगभग पांच गुना से अधिक 11559 पहुंच गई है।
उपराष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री आज डिंडौरी में
विश्व सिकल सेल दिवस पर 19 जून बुधवार को जिला मुख्यालय डिंडौरी में मेगा राज्य स्तरीय शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इस शिविर में शामिल होने देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, राज्यपाल मंगू भाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला सहित प्रदेश के 6 मंत्री डिंडौरी पहुंच रहे है। सुबह 10.55 में उपराष्ट्रपति डिंडौरी वायुसेना के हेलीकॉप्टर से आ जाएंगे और एक घंटे से अधिक समय तक डिंडौरी में ही रहेंगे। जिले में पहली बार किसी उपराष्ट्रपति का आगमन हो रहा है। यहां एक हजार से अधिक सुरक्षा जवान तैनात रहेंगे। शिविर में चिह्नित सभी पीड़ितों को लाकर उनका इलाज किया जाएगा।
जानें क्या होता है सिकल सेल एनीमिया
सिकल सेल बीमारी एक अनुवांशिक बीमारी है। नोडल अधिकारी डॉ. मनोज उरैती ने बताया कि यदि माता-पिता दोनों में सिकल सेल के जीन है तो बच्चों में इस बीमारी का होना स्वाभाविक है। इस बीमारी में रोगी की लाल रक्त कोशिका हंसिये के आकार में परिवर्तित हो जाती है।
सिकल सेल संवाहक बढ़ा रहे समस्या
जिले में सिकल सेल संवाहक अधिक समस्या बढ़ा रहे हैं। डॉ. मनोज उरैती ने बताया कि संवाहक वे लोग होते हैं, जिनके अंदर रक्त में सिकल कोशिकाएं तो होती हैं, लेकिन उनमें आमतौर पर सिकल सेल के लक्षण दिखाई नहीं देते। ये बीमारी के सबसे बड़े वाहक है। डॉ. उरैती ने बताया कि सिकल सेल संवाहक अपने बच्चों को जीन में ही यह बीमारी दे देते हैं। यह बीमारी बैगा जनजाति के साथ आदिवासियों में अधिक सामने आ रही है। डिंडौरी जनपद में ही सबसे अधिक 1151 सिकल सेल पीड़ित चिह्नित किए गए हैं।
सिकल सेल एनीमिया के लक्षण
डॉ. मनोज उरैती के मुताबिक, सिकल सेल एनीमिया के अगर लक्षण यह नजर आए तो तुरंत चिकित्सक को दिखाना चाहिए। उन्होंने बताया कि इन पीड़ितों में खून की कमी, हल्की पीलिया होने से बच्चे का शरीर पीला दिखाई देना, तिल्ली का बढ़ जाना, पेट एवं छाती में दर्द होना, सांस लेने में तकलीफ, हड्डियों एवं जोड़ों में विकृतियां होना, पैरों में अल्सर घाव होना, हड्डियों और जोड़ों में सूजन के साथ अत्यधिक दर्द, मौसम बदलने पर बीमार पढ़ना, अधिक थकान होना यह लक्षण बताए गए हैं।