चीनी छोड़ने के नुकसान: क्या आप जानते हैं इससे होने वाले संभावित हानियाँ?
भारत में डायबिटीज के मरीजों की संख्या इतनी ज्यादा है कि इस बीमारी को लेकर डर पैदा होना लाजमी है. मधुमेह के रोगियों को चीनी और मीठी चीजें कम खाने की सलाह दी जाती है. जो लोग इस रोग से बचना चाहते हैं वो चीनी से दूरी बनाना शुरू कर देते हैं, लेकिन शक्कर को पूरी तरह छोड़ना सही नहीं है, इससे सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है. आइए जानते हैं कि ऐसा कदम उठाने के क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं.
शुगर कितने तरह की होती है?
शुगर के दो प्रकार के होते हैं, एक नेचुरल और दूसरा प्रोसेस्ड. प्राकृतिक शुगर हमें आम, अनानास, लीची, नारियल जैसे फलों से मिलती है, लेकिन प्रोसेस्ड शुगर गन्ने और चुकंदर से तैयार की जाती है. चीनी को कंट्रोल में रहकर खाना सही फैसला है लेकिन इसे पूरी तरह छोड़ देना सही नहीं माना जाता है.
प्रोसेस और नेचुरल शुगर में फर्क
गन्ने और मीठे चुकंदर से प्रोसेस की जाने वाली सुक्रोज में कैलोरी काफी ज्यादा होती है, हालांकि इसमें कोई न्यूट्रिशनल वैल्यू नहीं होती, लेकिन नेचुरल शुगर में विटामिंस और मिनरल्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. मीठी चीजों का स्वाद हम सभी को आकर्षित करता है, इसलिए इसे पूरी तरह छोड़ देना आसान फैसला नहीं है, लेकिन अगर डेली डाइट से इसे हटा देंगे तो आपको नुकसान भी उठाना पड़ सकता है.
चीनी छोड़ने के नुकसान
कई रिसर्च में ये बात सामने आई है कि जो लोग अचानक चीनी खाना छोड़ देते हैं उनके शरीर में वैसा ही असर होता है जो नशे की लत छोड़ने पर नजर आता है. इससे आप जल्दी थक जाएंगे, हमेशा सिर दर्द का अहसास होगा जो चिड़चिड़ेपन की वजह बन जाएगा.
नेचुरल शुगर का सेवन करते रहें
चीनी छोड़ने का असर आपके शरीर पर धीर-धीरे होगा. चूंकि ये एनर्जी का सोर्स है इसलिए इससे दूरी बनाने पर थकान होना लाजमी है. चीनी छोड़ने पर शरीर से एक्ट्रा इंसुलिन घटने लगता है. भले ही आप प्रोसेस्ड शुगर खाना बंद कर दें, लेकिन मीठे फल का सेवन जारी रखें, जिससे आपको नेचुरल शुगर मिलेगी और शरीर में ऊर्जा बरकरार रहेगी.