जानिए मासिक धर्म के बारे में: किशोरों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी
पीरियड, जिसे मासिक धर्म भी कहा जाता है, महिलाओं के जीवन का एक नेचुरल प्रोसेस है. यह गर्भाशय के ब्लड और टिश्यू का मिश्रण होता है जो योनि के रास्ते बाहर आता है. यह साइकिल हर 21-35 दिनों में आता है. इसकी शुरूआत आमतौर पर 11- 14 वर्ष की उम्र में होती है. इसको लेकर हर लड़कियों के दिमाग में कई सवाल होते हैं जिसके बारे में कुछ बातें उन्हें जरूर मालूम होनी चाहिए. ऐसे में आइए इस लेख में पीरियड से जुड़ी उन खास बातों के बारे में जानते हैं. सबसे पहले तो ये जानते हैं कि पीरियड क्यों होता है.
पीरियड क्यों होता है?
जब महिला गर्भवती नहीं होती है, तो गर्भाशय की परत मोटी हो जाती है. यह गर्भधारण के लिए तैयार होता है. अगर गर्भधारण नहीं होता है, तो गर्भाशय की परत टूट जाती है और ब्लड और टिश्यू के रूप में शरीर से बाहर निकल जाती है.
1- क्या होता है मेनार्की?
किसी भी लड़की को जब पहली बार पीरियड आता है तो उसे मेनार्की कहते हैं. मेनार्की के साथ ही लड़कियों के मासिक धर्म की शुरुआत होती है. ये आमतौर पर 11 से 14 वर्ष के उम्र के लड़कियों को आती है. ये प्यूबर्टी की दहलीज का पहला कदम होता है. मेनार्की के साथ ही लड़कियों के शरीर में कुछ और भी बदलाव शुरू हो जाते हैं. जैसे- स्तन का विकास होना, स्किन ऑयली होना और जननांगों के आसपास बालों का उगना शुरू होना आदि.
2- 2-7 दिनों तक रह सकता है पीरियड
पीरियड आमतौर पर 2-7 दिनों तक रहता है. इस दौरान लड़कियों को पेट दर्द, पीठ दर्द, पैरों में दर्द, थकान, मूड स्विंग और चिड़चिड़ापन जैसे लक्षण हो सकते हैं.
3- शरीर में हार्मोनल बदलाव
पीरियड के दौरान शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं. इस दौरान वो अपने पार्टनर की ओर ज्यादा आकर्षित होती है.
4- दो टेबलस्पून जितनी ही ब्लीडिंग
आमतौर पर लड़कियों को लगता है कि पीरियड्स के दौरान बहुत ज्यादा ब्लीडिंग हुई है लेकिन असलियत में पूरी पीरियड साइकिल के दौरान आमतौर पर दो टेबलस्पून जितनी ही ब्लीडिंग होती है.
5- पीरियड के बारे में हमारे समाज में कुछ गलत धारणाएं हैं जैसे-
पीरियड गंदा होता है. पीरियड के दौरान महिलाएं कमजोर होती हैं. पीरियड के दौरान महिलाओं को धार्मिक गतिविधियों में भाग नहीं लेना चाहिए. लेकिन असल ये सब मान्यताएं हैं जिसका समय समय पर कई बार लोगों ने खंडन किया है. इसलिए आपको ये मानना चाहिए कि पीरियड एक नेचुरल प्रोसेस है जिसे सभी लोगों को सकारात्मक नजरिए से देखना चाहिए.