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प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा करना ही लोक का स्वराज्य है-डॉ. श्यामसुंदर दुबे

नीरज जैन स्मृति व्याख्यान माला में डॉ. श्यामसुंदर दुबे का लोक का स्वराज्य विषय पर हुआ व्याख्यान

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भोपाल। मध्य प्रदेश के सतना में नीरज जैन स्मृति व्याख्यान माला में डॉ. श्यामसुंदर दुबे नें विशाल जन समूह को संबोधित करते हुए कहा कि तुलसीदास जी ने लोक स्वराज्य की तुलना रामराज्य से की थी। वही स्वराज्य लोक का स्वराज्य कहलाता है जो जनमानस की प्रगति की सोच रखता हो। जब गरीबों की रक्षा हो और प्रजा निर्भीक बने तभी सच्चा रामराज्य होगा और इसके लिए सबसे जरूरी है अपने मन को जीतना। मन को जीतने का तात्पर्य है कि हम जो भी कार्य करें वह पूरा मन लगाकर करें। तभी हम मन को नियंत्रित कर सकते हैं। यदि हमने मन को नियंत्रित कर लिया तो फिर संसार की सभी वस्तुएं हमारे लिए गौड़ हैं। प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा करना ही लोक का स्वराज्य है। हमें यह सोचना होगा क्या प्रकृति और समाज से हम जो ले रहे हैं क्या वह हम वापस भी दे रहे हैं। प्राख्यात साहित्यकार एवं सागर विश्वविद्यालय के मुक्तिबोध पीठ के पूर्व निदेशक डॉ. श्यामसुंदर दुबे ने स्वर्गीय नीरज जैन स्मृति व्याख्यानमाला की दसवीं कड़ी में लोक का स्वराज्य विषय पर अपना प्रभावी व्याख्यान देते हुए कई तथ्यों पर प्रकाश डाला। नीरज न्यास द्वारा स्थानीय अशोका पैलेस में सतना नगर के बुद्धिजीवियों, साहित्यकारों और राजनीतिज्ञों की उपस्थिति में आयोजित व्याख्यानमाला का शुभारंभ नीरज न्यास के ट्रस्टी सुधाकर जैन के स्वागत भाषण से हुआ। श्रीमती शालिनी जैन ने मंगलाचरण तथा श्रीमती रश्मि जैन ने भजन प्रस्तुत किया।
स्व. नीरज जी इतनी उपलब्धियों के बावजूद एक संत की तरह सरल थे-महापौर
कार्यक्रम को संबोधित करते हुये महापौर योगेश ताम्रकार ने कहा कि साहित्य, पुरातत्व और समाज सेवा के क्षेत्र के सतना का नाम पूरे देश में विख्यात करने वाले स्वर्गीय नीरज जैन इतनी उपलब्धियों के बावजूद एक संत की तरह सरल थे । पूर्व विधायक शंकर लाल तिवारी, सुरेंद्र सिंह गहरवार, डॉ. संजय माहेश्वरी, प्रो. हर्षवर्धन श्रीवास्तव ने भी व्याख्यानमाला में अपने विचार व्यक्त किए। मुख्य अतिथि डॉ. श्यामसुंदर दुबे का परिचय श्रीमती पूजा जैन ने दे दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डा.आत्माराम तिवारी ने की।
अनूपचंद्र जैन का हुआ सम्मान
व्याख्यान के पूर्व जैन दर्शन के विद्वान तथा जैन संदेश समाचार पत्र के संपादक फिरोजाबाद के अनूपचंद्र जैन एडवोकेट का सम्मान पत्र, शॉल एवं श्रीफल भेंट सम्मान किया गया।अनूप चंद्र जैन ने अपने उद्बोधन में श्री नीरज जैन के संघर्षपूर्ण जीवन एवं उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए कहा कि जो संघर्षों में तपता है वही कुंदन बन कर निकलता है। कार्यक्रम का सफल संचालन सिंघई संजय जैन ने किया।

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