देश

हरियाणा में 4.5 लाख के मुकाबले 2.7 लाख नियमित कर्मचारी, रिक्त पदों को भरने के लिए अभियान चलाया जाएगा

चंडीगढ़
हरियाणा के विभिन्न सरकारी विभागों में इस समय एक लाख आठ हजार पद खाली हैं। प्रदेश में जिस रफ्तार से विभागीय कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं, उस हिसाब से कर्मचारियों की तैनाती नहीं हो रही है। हरियाणा के सरकारी विभागों में इस समय सवा लाख अनुबंधित कर्मचारी काम कर रहे हैं। इन कर्मचारियों से ही विभागों का कामकाज चलाया जा रहा है। मुख्य सचिव के निर्देश पर सभी विभागों की ओर से रिक्त पदों की रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इस रिपोर्ट के आधार पर ही सरकार की ओर से रिक्त पदों को भरने के लिए अभियान चलाया जाएगा।

 प्रदेश में जल्द ही विभिन्न विभागों में ग्रुप सी और डी के 50 हजार पदों पर भर्तियां होंगी। सीएम ने कहा कि 2014 से लेकर आज तक हरियाणा सरकार ने करीब एक लाख भर्तियां की हैं। आने वाले तीन महीनों के भीतर 50 हजार भर्तियों की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

तमाम विभागों की ओर से मुख्य सचिव कार्यालय को भेजी गई रिपोर्ट के मुताबिक, इस समय स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, शहरी स्थानीय निकाय, सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजिनियरिंग सहित कई महत्वपूर्ण विभागों को संभालने में अनुबंध के आधार पर काम करने वाले कर्मचारियों की भूमिका अहम है। आंकड़ों से पता चला कि लगभग 1.05 लाख कर्मचारी कांट्रैक्ट के आधार पर हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड के साथ रजिस्टर्ड हैं।

ठेके पर रखे जा रहे कर्मचारी!
इनमें से लगभग 15,000 स्वास्थ्य विभाग में, 13,000 बिजली विभाग में, 8,000 यूएलबी विभाग में, 8,000 पीएचई विभाग में, 5,000 हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) में और 5,000 विश्वविद्यालयों में कार्यरत हैं। शिक्षा विभाग के साथ काम करने वाले 5,000 संविदा कर्मचारी हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड (HKRNL) के तहत रजिस्टर्ड हैं। वहीं, अनुबंध के आधार पर काम करने वाले 14 हजार से अधिक अतिथि शिक्षक भी शिक्षा विभाग में काम कर रहे हैं।

4.5 लाख के मुकाबले लगभग 2.7 लाख नियमित कर्मचारी
इनके अलावा, विभिन्न विभागों में संविदा के आधार पर काम करने वाले कम से कम 2,000 कर्मचारी या तो HKRNL के तहत रजिस्टर्ड हैं या सीधे विभागों के तहत काम कर रहे हैं। हरियाणा में कुल स्वीकृत पदों में लगभग 4.5 लाख के मुकाबले लगभग 2.7 लाख नियमित कर्मचारी कार्यरत हैं। पिछले कुछ वर्षों में नियमित कर्मचारियों की संख्या में कमी आ रही है, जबकि जनसंख्या में काफी वृद्धि दर्ज की गई है।

चिंता करने की जरूरत नहीं: सीएम सैनी
सीएम ने नौकरियों में सामाजिक-आर्थिक आधार पर मिलने वाले पांच अंक के खिलाफ हाई कोर्ट के फैसले पर कहा कि सरकार की लीगल टीम इसके हर पहलू के आधार पर अपनी तैयारी कर चुकी है। जल्द ही प्रदेश सरकार हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी, जिससे युवाओं को इंसाफ मिल सके। सीएम ने दावा किया कि हाई कोर्ट के फैसले के बाद जिन युवाओं को नौकरी का खतरा पैदा हुआ है, उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है। सरकार हर संभव प्रयास करके उनकी नौकरी को बचाएगी। हाल ही में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा में सरकारी भर्तियों में मिलने वाले सामाजिक आर्थिक मानदंड के 5 अंकों को संविधान के विरुद्ध करार दिया और सरकार के इस फैसले को रद्द कर दिया। इस फैसले से भर्तियां सिर्फ मेरिट के आधार पर हो सकेंगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button