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दिल्ली में पानी की भारी कमी और गर्म होती सियासत, विजिलेंस विभाग ने मांग लिया दिल्ली जल बोर्ड से हिसाब

नई दिल्ली
 राजधानी दिल्ली में इस समय पानी पर संग्राम मचा हुआ है। इस मुद्दे पर दिल्ली सरकार हरियाणा पर आरोप लगा रही है। इस बीच विजिलेंस विभाग ने दिल्ली जल बोर्ड से टैंकरों का हिसाब मांग लिया है। विजिलेंस डिपार्टमेंट ने जल बोर्ड से पूछा कि आपने बीते 5 सालों में कितने टैंकर हायर किए हैं। दिल्ली में पानी की किल्लत के बीच यह भी आरोप लग रहे हैं कि प्राइवेट कंपनियां बड़ी संख्या में लोगों को प्रीमियम दाम पर पानी के टैंकर उपलब्ध करा रही हैं।

पत्र में कई बातों का जिक्र
विशेष सचिव (सतर्कता) वाई. वी. वी. जे. राजशेखर ने दिल्ली जल बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को भेजे गए एक पत्र में कई चीजों का जिक्र किया है। उनके पत्र में टैंकर प्रणाली के कामकाज के बारे में कई विवरण दिए गए हैं। उदाहरण के तौर पर अपने मालिकों के साथ कंपनियों का डिटेल, उन्हें कितने दिनों के लिए तैनात किया गया, वो स्रोत जहां टैंकर भरे गए आदि।

जांच विभाग ने डीजेबी को ये जानकारी भी देने के लिए कहा है:
➤पिछले 5 सालों में हर साल कितने दिन के लिए टैंकर किराए पर लिए गए?
➤हर साल दिल्ली जल बोर्ड को कितने टैंकर उपलब्ध कराए गए?
➤हर टैंकर मालिक ने डीजेबी को कितना पानी पहुंचाया?
➤हर टैंकर मालिक ने किराए के कितने पैसे मांगे?

जांच अधिकारी ने चिट्ठी में लिखा है कि 14 जून तक और ज्यादा से ज्यादा 17 जून तक यह जानकारी दिल्ली जल बोर्ड की ओर से उपलब्ध कराई जानी चाहिए, साथ ही टैंकर मालिकों से किए गए करार की कॉपी भी जमा करनी होगी। दिल्ली सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी में DJB ने सिर्फ 888 पानी के टैंकर इस्तेमाल किए थे, जो जून में बढ़कर 1211 हो गए। सूत्रों का कहना है कि जांच विभाग द्वारा मांगी गई जानकारी से पानी के टैंकरों के कारोबार और कथित पानी माफिया के अवैध रूप से निकाले गए पानी को बेचने के मामले को समझने में मदद मिलेगी। इस बीच, दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने दावा किया कि दिल्ली में पानी की कमी का प्राथमिक कारण हरियाणा से अपर्याप्त आपूर्ति है और अगर टैंकर माफिया को पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाता है, तो पानी की आपूर्ति में वृद्धि नगण्य होगी और इससे संकट का समाधान नहीं होगा।

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