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सेहत के लिए कार्तिक मास का विशेष महत्व है। तुलसी के कुछ पत्ते आप को निरोगी रखने के लिए विशेष होते हैं। कार्तिक माह में शरद ऋतु का प्रारंभ होता है। दो बदलते मौसम के बीच का समय होने से इन दिनों सेहत संबंधी परेशानी भी होने लगती है। इसलिए कार्तिक मास में पूरा डेली रूटीन बदलने की बात ग्रंथों में कही गई है। इनमें खाने-पीने और सोने से जुड़े जरूरी नियम कहे गए है। जिनको अपनाने से सेहत अच्छी रहती है और उम्र भी बड़ती है। अश्विन महीने की पूर्णिमा यानी शरद पूर्णिमा पर देवताओं के वैद्य अश्विनी कुमारों और अमृत देने वाले चंद्रमा की पूजा होती है। ताकि कार्तिक महीने में सेहत संबंधी परेशानी न हो। इसके 12 दिन बाद औषधियों के जनक यानी धन्वंतरि की पूजा का दिन होता है। धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि अमृत का कलश और औषधियां लेकर प्रकट हुए थे। इनकी पूजा से आरोग्य और लंबी उम्र मिलती है।
कार्तिक महीने में सूर्योदय से पहले उठकर खाली पेट पानी के साथ तुलसी के कुछ पत्ते निगल लिए जाएं तो पूरे साल बीमारियों से बच सकते हैं। इन दिनों पित्त बहुत बड़ता है। इसलिए कार्तिक महीने के दौरान बैंगन, मठ्ठा, करेला, फलियां और दालें नहीं खानी चाहिए। इनके अलावा जमीकंद यानी मूली, गाजर, गराडू, शकरकंद और अन्य तरह के कंद मूल खाना सेहत के लिए अच्छा रहता है।