चारधाम यात्रा में निकलने से पहले इन बातों का रखें ध्यान, अब तक 86 भक्तों की हुई मौत
उत्तराखंड
उत्तराखंड में 10 मई से शुरु हुई चारधाम यात्रा में स्वास्थ्य कारणों से अब तक 86 लोगों की मौत हो चुकी है।राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार, अब तक हुई 86 मौतों में से बद्रीनाथ धाम में 18, केदारनाथ धाम में 42, गंगोत्री धाम में 7 और यमुनोत्री धाम में 19 मौतें हुईं। 2023 में चारधाम यात्रा के दौरान कुल मिलाकर 245 तीर्थयात्रियों की मौत हुई थी।
स्वास्थ्य विभाग के सचिव आर राजेश कुमार ने बताया कि 2023 की चार धाम यात्रा के दौरान मई में मौतों की संख्या 96 थी, जो इस साल 29 मई तक हुई 68 मौतों की तुलना में काफी ज्यादा थी। उन्होंने बताया कि यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य जांच केंद्रों की संख्या में वृद्धि करने, स्वास्थ्य कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने के कारण इस साल मौतों में कमी आई है।
आर राजेश कुमार ने कहा, "हमने 12 क्षेत्रीय भाषाओं में सभी राज्य सरकारों को स्वास्थ्य सलाह जारी की थी। इसमें तीर्थयात्रियों से अनुरोध किया गया था कि वे यात्रा शुरू होने से पहले अपने स्वास्थ्य की जांच करा लें। साथ ही केदारनाथ और यमुनोत्री की कठिन यात्रा पर निकलने से पहले खुद को उसके मुताबिक ढाल लें।"
वहीं, उत्तराखंड की स्वास्थ्य निदेशक विनीता शाह ने कहा कि यात्रा मार्ग पर 50 मेडिकल स्क्रीनिंग केंद्र स्थापित कर स्क्रीनिंग बढ़ा दी गई है। पंजीकरण केंद्रों पर डॉक्टरों द्वारा तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य की स्थिति का आकलन करने के बाद ज्याद कमजोर तीर्थयात्रियों को पैदल मार्ग में आगे न जाने की सलाह दी जा रही है। उन तीर्थयात्रियों से शपथ पत्र लिया जा रहा है जो अपनी यात्रा जारी रखने के लिए अड़े हुए हैं। 104 स्वास्थ्य मित्र पूरे मार्ग पर उनकी बारीकी से निगरानी कर रहे हैं और आवश्यकता के अनुसार दवाएं और अन्य सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं।
विनीता शाह ने कहा कि यात्रा मार्ग पर 80 विशेषज्ञों और 426 डॉक्टरों को तैनात किया गया है। साथ ही अन्य निकटवर्ती जिलों से लगते क्षेत्रों में अतिरिक्त स्वास्थ्य कर्मचारियों को सभी चिकित्सा सुविधाओं के साथ तैनात किया गया है। वहीं, रुद्रप्रयाग जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि केदारनाथ धाम की यात्रा को सुचारू, व्यवस्थित और सुरक्षित तरीके से संचालित करने के लिए जिला प्रशासन और संबंधित विभागों द्वारा सभी आवश्यक सुविधाएं और व्यवस्थाएं प्रदान की जा रही हैं।
रुद्रप्रयाग के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एचसीएस मर्तोलिया ने कहा कि अब तक 26,957 तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य की जांच की जा चुकी है। बुधवार को केदारनाथ यात्रा में लगभग 2430 तीर्थयात्रियों का इलाज किया गया, जिसमें 1863 पुरुष और 567 महिलाएं शामिल थीं। ओपीडी और इमरजेंसी के माध्यम से अब तक 64,823 तीर्थयात्रियों का इलाज किया गया है, जिनमें 59,510 पुरुष और 15,313 महिलाएं शामिल हैं। केदारनाथ यात्रा मार्ग पर 4356 तीर्थयात्रियों को ऑक्सीजन सुविधा प्रदान की गई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम तक विभिन्न स्थानों और यात्रा मार्ग के विभिन्न पड़ावों पर चिकित्सा राहत शिविर खोली गई हैं, ताकि बीमार तीर्थयात्रियों का तुरंत इलाज किया जा सके।
बद्रीनाथ यात्रा मार्ग पर चमोली जिले में कर्णप्रयाग, गौचर और पांडुकेश्वर में तीन मेडिकल स्क्रीनिंग सेंटर स्थापित किए गए हैं, जहां 40 वर्ष से अधिक उम्र के तीर्थयात्रियों की मेडिकल हिस्ट्री की जांच की जाती है। वहीं, बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब यात्रा मार्गों पर एमआरपी सेंटर स्थापित किए गए हैं। 10 मई को चार धाम यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक 17 लाख तीर्थयात्रियों ने चार धाम मंदिरों और हेमकुंड साहिब मंदिर के दर्शन किए हैं।