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भारत में व्यवसाय खड़ा करना मुश्किल, लेकिन भारतीयों के सपने सच्‍चे हैं : राधिका गुप्ता

पटेल इंजीनियरिंग तथा उसके संयुक्त उद्यम को महाराष्ट्र में 343 करोड़ रुपये की परियोजना का मिला ठेका

भारत में व्यवसाय खड़ा करना मुश्किल, लेकिन भारतीयों के सपने सच्‍चे हैं : राधिका गुप्ता

एआईएक्स के 20 रूट्स पर उड़ान भरेगी एयर इंडिया

नई दिल्ली
बुनियादी ढांचा कंपनी पटेल इंजीनियरिंग तथा उसके संयुक्त उद्यम साझेदार को महाराष्ट्र में 342.76 करोड़ रुपये की भूजल निकालने की परियोजना का ठेका मिला है।

इन्होंने परियोजना के लिए सबसे कम बोली लगाई। इसका काम 24 महीने के भीतर पूरा किया जाना है। परियोजना महाराष्ट्र राज्य में स्थित है।

परियोजना को एक संयुक्त उद्यम के जरिए पूरा किया जाएगा। इसमें पटेल इंजीनियरिंग की हिस्सेदारी 35 प्रतिशत है।

कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में बताया कि महाराष्ट्र सरकार के कार्यकारी अभियंता कार्यालय ने 342.76 करोड़ रुपये के अनुबंध के लिए पटेल इंजीनियरिंग को उसके संयुक्त उद्यम साझेदार के साथ ‘एल1’ घोषित किया है।

अनुबंध में जिगांव परियोजना के जलमग्न क्षेत्र से प्रथम चरण के लिए जल निकालने की व्यवस्था का निर्माण कार्य शामिल है। इसमें सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल घटक और संबद्ध काम भी शामिल हैं।

मुंबई स्थित इंजीनियरिंग, खरीद व निर्माण कंपनी की जलविद्युत और बांध परियोजनाओं के लिए सुरंगों तथा भूमिगत कार्यों में मजबूत उपस्थिति है।

भारत में व्यवसाय खड़ा करना मुश्किल, लेकिन भारतीयों के सपने सच्‍चे हैं : राधिका गुप्ता

नई दिल्ली
 एडलवाइज एसेट मैनेजमेंट की सीईओ और शार्क टैंक जज राधिका गुप्ता ने कहा कि भले ही भारत में व्यवसाय खड़ा करना कई गुना मुश्किल है, लेकिन भारतीयों के सपने सच्‍चे हैं।

देश की अग्रणी परिसंपत्ति प्रबंधकों में से एक एडलवाइज एसेट मैनेजमेंट की एकमात्र महिला सीईओ लॉस एंजिल्स में अमेरिका के मिलकेन इंस्टीट्यूट के 27वें वार्षिक वैश्विक सम्मेलन को संबोधित कर रही थीं। इस कार्यक्रम में टेक अरबपति एलन मस्क ने भी अमेरिकी सपनों की अवधारणा के बारे में खुलकर बात की। भारत की क्षमता और संभावनाओं के बारे में राधिका ने कहा कि यह "अब भारतीय सपने का युग है"।

उन्होंने कहा, ''देश के छोटे शहरों का कोई भी व्यक्ति अब इतना बड़ा व्यवसाय खड़ा करने की क्षमता रखता है कि उसे एक्सचेंजों में सूचीबद्ध किया जा सके।''

राधिका गुप्ता ने साथ ही कहा कि बड़े युवा उपभोक्ता आधार वाले विश्व स्तरीय डिजिटल बुनियादी ढांचे और उद्यमिता के लिए जबरदस्त माहौल के दम पर सफलता हासिल की जा सकती है।

उन्‍होंने आगे बताया कि जो भारतीय विदेश में पढ़ाई करने गए थे, अब इस समझ के साथ स्वेच्छा से देश लौट रहे हैं, यह उनका सबसे अच्छा निर्णय है।

उन्होंने कहा, "भारत में व्यवसाय खड़ा करना अक्सर कठिन होता है, लेकिन भारतीयों के सपनेे वास्तविक है। आइए इसे जारी रखें, लगे रहो, चले चलो।”

शार्क टैंक दुनिया भर में बिजनेस में आगे बढ़ने की चाहत रखने वालों को एक मंच प्रदान करने के साथ उनको व्यापार में वित्तीय मदद भी करता है। शो के जजों में शामिल एडलवाइज एसेट मैनेजमेंट की सीईओ राधिका गुप्ता भी यहां अपनी प्रतिभा के चलते खूब लाइमलाइट में रहती हैं। कॉर्पोरेट क्षेत्र से स्‍क्रीन पर आने तक का यह सफर राधिका के लिए काफी संघर्षपूर्ण रहा है।

एआईएक्स के 20 रूट्स पर उड़ान भरेगी एयर इंडिया

नई दिल्ली
 टाटा ग्रुप की एयरलाइन एयर इंडिया, समूह की अन्य कंपनी एयर इंडिया एक्सप्रेस (एआईएक्स) के 20 रूट्स पर उड़ान भरेगी। एयरलाइन के अधिकारियों की ओर से  ये जानकारी दी गई।

एयर इंडिया की ओर से ये कदम ऐसे समय पर उठाया गया है, जब एआईएक्स के कई कर्मचारी एक साथ छुट्टी पर चले गए हैं। एयरलाइन ने अपने बयान में कहा, "हम कोशिश कर रहे हैं कि अचानक आई इस समस्या के कारण ग्राहकों को कोई असुविधा न हो। इसके लिए हम अपने सभी संसाधनों का उपयोग कर रहे हैं। हम आज 292 उड़ानों का संचालन करेंगे। हमारे 20 रूट्स पर एयर इंडिया उड़ान भरेगा।"

बता दें, मंगलवार शाम से एयर इंडिया एक्सप्रेस के 300 से ज्यादा केबिन क्रू नौकरी की सुरक्षा, वेतन संरक्षण और वरिष्ठता एवं विशेषज्ञता की मान्यता को लेकर किए गए वादे में अंतर आने के कारण छुट्टी पर चले गए। कर्मचारियों से ये वादे एयर एशिया का एयर इंडिया एक्सप्रेस में विलय करते समय किए गए थे।

2023 में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने टाटा ग्रुप को एआईएक्स कनेक्ट (पूर्व एयर एशिया) का एयर इंडिया एक्सप्रेस के साथ विलय करने की मंजूरी दी थी।

कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि एयरलाइन लगातार अपने कर्मचारियों के साथ इस मुद्दे को लेकर बातचीत कर रही है। साथ ही उन लोगों के खिलाफ कदम उठाए जा रहे हैं, जिनके कारण हजारों यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा।

 

चीन का मांग में सुधार से अप्रैल में निर्यात और आयात बढ़ा

हांगकांग

चीन के निर्यात और आयात में अप्रैल में वृद्धि लौट आई है। यह दर्शाता है कि असमान आर्थिक सुधार के बावजूद मांग में सुधार हो रहा है।

सीमा शुल्क के आंकड़ों से मिली जानकारी के अनुसार, अप्रैल में निर्यात सालाना आधार पर 1.5 प्रतिशत बढ़ा। मार्च में इसमें 7.5 प्रतिशत की गिरावट आई थी जो नवंबर के बाद पहली गिरावट थी। अप्रैल में आयात में 8.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो विश्लेषकों की उम्मीदों से अधिक है और मार्च में 1.9 प्रतिशत की गिरावट से ऊपर है।

विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन ने वृद्धि को बढ़ावा देने तथा विश्वास बढ़ाने के लिए हाल के महीनों में विभिन्न नीतिगत समर्थन उपाय पेश किए हैं।

चीन का व्यापार अधिशेष मार्च के 58.55 अरब डॉलर से बढ़कर अप्रैल में 72.35 अरब डॉलर हो गया।

कैपिटल इकोनॉमिक्स की जिचुन हुआंग ने एक नोट में कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में उपभोक्ता खर्च में कमी और कम निर्यात कीमतों से मिलने वाले लाभ में कमी के कारण आने वाले महीनों में निर्यात की मात्रा कम होगी।’’

चीन को कोविड-19 वैश्विक महामारी के बाद से वापसी करने में संघर्ष करना पड़ा है। उसे फेडरल रिज़र्व और अन्य केंद्रीय बैंकों के मुद्रास्फीति से निपटने के लिए ब्याज दरें बढ़ाने के बाद वैश्विक स्तर पर कमजोर मांग से जूझना पड़ा है। चीन के संपत्ति क्षेत्र में मंदी भी वृद्धि पर असर डाल रही है।

नीति निर्माताओं ने चीन की अर्थव्यवस्था को बल देने के लिए कई राजकोषीय और मौद्रिक नीति उपाय किए हैं।

चीन ने 2024 के लिए पांच प्रतिशत का महत्वाकांक्षी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि लक्ष्य रखा है।

 

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