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देश की कारोबारी गतिविधियां अप्रैल में14 वर्षों के उच्चतम स्तर पर पहुंची

कारोबारी गतिविधियां अप्रैल में 14 साल के शीर्ष पर, नौकरियों में वृद्धि को मिला समर्थन

देश की कारोबारी गतिविधियां अप्रैल में14 वर्षों के उच्चतम स्तर पर पहुंची

नीलामी प्रक्रिया से जारी रहेगा स्पेक्ट्रम आवंटन, केवल सीमित मामलों में प्रशासनिक आवंटन

नई दिल्ली
 मजबूत मांग के कारण देश की कारोबारी गतिविधियां अप्रैल में लगभग 14 वर्षों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। यह मजबूत आर्थिक विकास का संकेत है। एचएसबीसी का खरीद प्रबंधक सूचकांक यानी पीएमआई अप्रैल में बढ़कर 62.2 हो गया। मार्च में यह 61.8 पर था।

पीएमआई से पता चलता है कि विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों में विस्तार का संकेत है। महंगाई में कमी के बावजूद रेपो दर में कटौती में देरी हो सकती है क्योंकि महंगाई में आगे बहुत गिरावट की संभावना नहीं है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि पिछली कुछ तिमाहियों में मजबूत विस्तार के बाद इस साल भारत सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बने रहने के लिए अच्छी स्थिति में है।

अगस्त 2021 से पीएमआई 50 से ऊपर रहा है। 50 से ऊपर का मतलब कारोबारी गतिविधियों में तेजी और इससे कम का मतलब कमजोरी है। एचएसबीसी के भारत में मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा, नए ऑर्डरों में बढ़ोतरी से विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों में मजबूत प्रदर्शन दिखा है।  

नौकरियों में वृद्धि को मिला समर्थन
बढ़ती मांग को पूरा करने के प्रयासों से नौकरियों में वृद्धि को समर्थन मिला, जो विनिर्माण क्षेत्र में सबसे अधिक था। यह डेढ़ साल में सबसे तेज गति से बढ़ी। हालांकि मांग की मजबूती से खर्चों का भार ग्राहकों पर डाल दिया गया। सर्वे के अनुसार, महंगाई इतनी तेजी से नहीं गिर सकती कि आरबीआई किसी भी समय दर में कटौती पर विचार करना शुरू कर दे।

 

नीलामी प्रक्रिया से जारी रहेगा स्पेक्ट्रम आवंटन, केवल सीमित मामलों में प्रशासनिक आवंटन

नई दिल्ली
 स्पेक्ट्रम मामले में स्पष्टीकरण के लिए उच्चतम न्यायालय में विभिन्न मुकदमे लंबित हैं। इस बीच, सूत्रों ने जानकारी दी कि मोबाइल सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन नीलामी प्रक्रिया के जरिए जारी रहेगा। जैसाकि संसद द्वारा विधिवत पारित दूरसंचार अधिनियम 2023 में अधिनियम किया गया है। उन्होंने कहा कि केवल सीमित और संकीर्ण रूप से परिभाषित मामलों में ही प्रशासनिक आधार पर स्पेक्ट्रम प्रदान किया जाता है।

इन चुनिंदा मामलों में पुलिस संगठनों के लिए वॉकी-टॉकी, मौसम पूर्वानुमान के लिए रडार, जहाजों के लिए रड़ार और संचार और अंतरिक्ष और उपग्रह अनुप्रयोगों के लिए संचार, सेना, वायु सेना और नौसेना के लिए संचार और रडार और बीएसएनएल जैसे सार्वजनिक सेवा की इकाईयां हैं। एक सूत्र ने कहा, सर्वोच्च न्यायालय में आवेदन मुख्य रूप से स्पष्टीकरण के लिए हैं। संसद में दूरसंचार विधेयक पेश करने से पहले उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए आवेदन उच्चतम न्यायालय में दायर किया गया। उन्होंने कहा कि आवेदन में शीर्ष अदालत के फैसले को पदलने के लिए नहीं कहा गया है।  

 

 

 

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