छत्तीसगड़

सीएम साय स्वयं इतने संवेदनशील हैं कि उनके दरवाजे से कोई निराश नहीं लौटता

जशपुरनगर

बगिया का सीएम कैंप कार्यालय गरीब व जरूरतमंद मरीजों और उनके परिजनों के लिए आशा का केंद्र बना हुआ है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय स्वयं इतने संवेदनशील हैं कि उनके दरवाजे से कोई निराश नहीं लौटता. उनकी मानवीयता और संवेदनशीलता की मिसाल मंगलवार को वोटिंग वाले दिन देखने को मिली.

दरअसल, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय मतदान करने के लिए संक्षिप्त प्रवास पर गृह ग्राम बगिया आए हुए थे. इसकी जानकारी मरीज के पिता को हुई, तो वह बेटे को लेकर बगिया पहुंच गए. सीएम साय को कैंप कार्यालय के पास देखकर वह ग्रामीण आवेदन लेकर सीधे उनके पास पहुंच गया. सीएम ने उसकी व्यथा सुनी और पूछा कि मरीज कहां है, तब ग्रामीण ने कहा कि मरीज उसका बेटा है, और मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में ही उसे बैठाकर आया हूं. इतना सुनते ही मुख्यमंत्री तुरंत उससे मिलने कैंप कार्यालय पहुंच गए.

कुनकुरी तहसील के ग्राम गोरिया निवासी कमलेश्वर सिंह ने मुख्यमंत्री को बताया कि उसका बेटा आनंद कुमार 20 वर्ष का है. पढ़ाई करने दौरान धीरे-धीरे उसका शरीर अस्वस्थ होने लगा और 12 वी पढ़ने के बाद शरीर जकड़ गया और वह पूरी तरह से चलने फिरने में असमर्थ हो गया. परिजन कई निजी अस्पताल में उसका इलाज कर थक चुके हैं, लेकिन आर्थिक स्थिति की वजह से उच्च अस्पताल में इलाज नहीं कर पा रहे थे. मुख्यमंत्री ने कमलेश्वर को स्वयं भरोसा दिया है कि रायपुर में उसके बेटे के समुचित इलाज कराया जाएगा.

गंभीर से गंभीर बीमारियों का इलाज करा कर थक चुके परिजन अब आस लेकर मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय बगिया पहुंच कर मदद की गुहार लगा रहे हैं, और कार्यालय द्वारा उनका त्वरित निराकरण भी किया जा रहा है. बता दें कि अब तक सीएम कैंप कार्यालय बगिया में विगत चार महीनों में इलाज के 400 से अधिक आवेदन मिल चुका है, जिनका मरीजों का सफल इलाज कराया जा चुका है.

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