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BRS लीडर के कविता की जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की

नई दिल्ली
 दिल्ली शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार बीआरएस नेता के कविता को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया है। हालांकि, धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के कुछ प्रावधानों को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर नोटिस जारी किया।

ईडी से छह सप्ताह में मांगा जवाब

साथ ही, कोर्ट ने के कविता को दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाला मामले में जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट जाने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने बीआरएस नेता कविता की याचिका पर ईडी से छह सप्ताह में जवाब मांगा है, जिसमें उन्होंने पीएमएलए के प्रावधानों को चुनौती दी है।

AAP नेताओं को दिए 100 करोड़ रुपये

प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया है कि बीआरएस नेता के कविता ने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति निर्माण और कार्यान्वयन में लाभ पाने के लिए अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया सहित आम आदमी पार्टी (आप) के शीर्ष नेताओं के साथ साजिश रची थी। इसके लिए AAP नेताओं को 100 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया था।

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने कविता से निचली अदालत में जाने को कहा। पीठ ने कहा कि यह एक प्रक्रिया है जिसका यह अदालत पालन कर रही है और वह प्रोटोकॉल को नजरअंदाज नहीं कर सकती। पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी जमानत के लिए सबसे पहले ट्रायल कोर्ट का रुख करना चाहिए। पीठ ने बीआरएस नेता का प्रतिनिधित्व कर रहे सीनियर वकील कपिल सिब्बल से कहा, "हम बहुत स्पष्ट हैं। कोई केवल इसलिए सीधे सुप्रीम कोर्ट नहीं आ सकता क्योंकि वह एक राजनीतिक व्यक्ति है। इसके लिए हम प्रक्रिया को दरकिनार कर सकते हैं। हमें अपना व्यवहार सभी के लिए एक समान करना होगा। हर किसी को पहले ट्रायल कोर्ट से गुजरना होगा।"

इसे राजनीतिक मंच न बनाएं- सुप्रीम कोर्ट

कपिल सिब्बल ने अदालत से तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए अपनी दलीलें रखीं। उन्होंने कहा कि कई विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार किया जा रहा है। हालांकि अदालत ने कहा कि उसे कानून का पालन करना होगा। अदालत ने कहा, “कृपया, इसे राजनीतिक मंच न बनाएं… आप हमसे जो करने के लिए कह रहे हैं वह संभव नहीं है। आप हमसे अनुच्छेद 32 के तहत किसी याचिका पर सीधे विचार करने के लिए सिर्फ इसलिए कह रहे हैं क्योंकि वह व्यक्ति सुप्रीम कोर्ट आ सकता है। ऐसा नहीं हो सकता। नियम सभी के लिए एक समान होंगे।"

निराश होकर सिब्बल ने कहा, "जब इस अदालत का इतिहास लिखा जाएगा, तो यह सुनहरे अक्षरों में नहीं होगा।" इस पर पीठ ने जवाब दिया, “कोई बात नहीं। हम देखेंगे। हमें एक समान व्यवहार करना होगा।” इसी के साथ पीठ ने कविता की जमानत याचिका खारिज कर दी।  इसके अलावा, न्यायालय ने कविता की उस याचिका पर ईडी से छह सप्ताह में जवाब मांगा जिसमें उन्होंने पीएमएलए के प्रावधानों को चुनौती दी है।

कविता की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से पीठ ने कहा, ‘‘प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिका लंबित मामलों के साथ ली जाएगी।’’ सिब्बल ने शुरुआत में कहा कि सरकारी गवाह के बयान के आधार पर लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है। पीठ ने कहा कि इस समय वह मामले के गुण-दोषों पर विचार नहीं कर रही।

केजरीवाल भी गिरफ्तार, क्या है मामला?

बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में बृहस्पतिवार रात गिरफ्तार कर लिया। पद पर रहने के दौरान किसी मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी का यह पहला मामला है। पिछले हफ्ते, तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी एवं भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के. कविता को हैदराबाद स्थित उनके आवास से एजेंसी ने गिरफ्तार किया गया था जो अभी इसी मामले में 23 मार्च तक ईडी की हिरासत में हैं। यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली आबकारी नीति तैयार करने और उसे लागू करने में कथित भ्रष्टाचार एवं धन शोधन से संबद्ध है। हालांकि, बाद में यह नीति रद्द कर दी गई।

आप नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह मामले में न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी के आरोपपत्र में केजरीवाल के नाम का उल्लेख कई बार किया गया है। एजेंसी का आरोप है कि आरोपी आबकारी नीति बनाने के लिए केजरीवाल के संपर्क में थे। यह नीति बनाने और इसे लागू करने के लिए आप पर रिश्वत लेने का आरोप है। ईडी ने हाल में एक बयान में आरोप लगाया था कि बीआरएस नेता कविता (46) और कुछ अन्य ने आम आदमी पार्टी को 100 करोड़ रुपये अदा कर आबकारी नीति में फायदा पाने के लिए केजरीवाल और सिसोदिया जैसे आप के शीर्ष नेताओं के साथ ‘‘साजिश’’ रची थी।

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