CAA कैसे काम करेगा, जानिए इन राज्यों में नहीं लागू होगा CAA, किनको मिलेगा फायदा
नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्र सरकार ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2024 की अधिसूचना जारी कर दी है. यानी पूरे देश में अब सीएए (CAA) लागू हो गया है. इस कानून के लागू होने से तीन पड़ोसी देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए गैर-मुस्लिम शरणार्थी (हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई) अब भारतीय नागरिक बन सकेंगे. इसके लिए इन लोगों को सरकारी गाइडलाइन का पालन करना होगा और नागरिकता के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा. हालांकि, कुछ जरूरी शर्तें भी रहेंगी. जैसे सीएए नियमों के तहत आवेदन करने से पहले भारत में एक साल तक लगातार रहना अनिवार्य है.
देश में नागरिकता कानून लागू होने के बाद मुस्लिम धर्मगुरूओं ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने सीएए लागू होने पर कहा कि "हम सभी से अपील करना चाहते हैं कि वे शांत रहें और घबराएं नहीं। हमारी कानूनी टीम इस पर गौर करेगी और आगे के फैसले लिए जाएंगे।"
इससे पहले केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने कहा कि वह केरल में सीएए को लागू नहीं होने देंगे। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि अगर नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) लोगों के समूहों के साथ भेदभाव करता है, तो वह इसका विरोध करेंगी। सीएए और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर के लिए संवेदनशील करार देते हुए बनर्जी ने कहा कि वह लोकसभा चुनाव से पहले अशांति नहीं चाहती हैं। बनर्जी ने कहा, ‘‘ऐसी खबरें हैं कि सीएए को अधिसूचित किया जाएगा। मैं यह स्पष्ट कर दूं कि हम लोगों के साथ भेदभाव करने वाली किसी भी चीज का विरोध करेंगे।'' उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें (केंद्र) नियम सामने आने दीजिए, फिर हम नियमों को पढ़ने के बाद इस मुद्दे पर बात करेंगे।''
केरल और बंगाल में लागू नहीं करेंगे सीएए
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने सीएए को सांप्रदायिक आधार पर विभाजन पैदा करने वाला कानून बताते हुए कहा कि किसी भी कीमत पर केरल में लागू नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम, जो मुस्लिम अल्पसंख्यकों को दोयम दर्जे का नागरिक मानता है, उसे केरल में लागू नहीं किया जाएगा। वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि सीएए के नियमों का अध्ययन किया जाएगा। इसके बाद ही कोई फैसला लेंगे। उन्होंने कहा कि सीएए के नाम पर लोगों को डिटेंशन कैंप में भेजा जाएगा तो विरोध करूंगी। सीएए बंगाल और पूर्वोत्तर के प्रति संवेदनशील है। लोकसभा चुनाव से पहले अशांति नहीं चाहते।
राजस्थान सहित कई राज्यों में रह रहे शरणार्थी
राजस्थान में पाकिस्तान से आए 30 हजार से अधिक हिंदू शरणार्थियों को इस कानून का लाभ मिलेगा। इसके अलावा पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर के राÓयों अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड और त्रिपुरा में भी बांग्लादेश से आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों की काफी संख्या है।
मतुआ समुदाय के लोगों ने मनाया जश्न
पश्चिम बंगाल के मतुआ समुदाय के लोगों ने सीएए लागू करने को फैसले का स्वागत करते हुए जश्न मनाना शुरू कर दिया है। मतुआ समुदाय के लोगों का कहना है कि यह उनके लिए दूसरा स्वतंत्रता दिवस है। मूल रूप से पूर्वी पाकिस्तान से आने वालमतुआ समुदाय हिंदुओं का एक कमजोर वर्ग है। ये लोग भारत-पाकिस्तान विभाजन के दौरान और बांग्लादेश के निर्माण के बाद भारत आ गए थे। पश्चिम बंगाल में 30 लाख की लगभग आबादी वाला यह समुदाय नादिया और बांग्लादेश की सीमा से लगे उत्तर और दक्षिण 24 परगना जिलों में रहता है। इनका राÓय की 30 से अधिक विधानसभा सीटों पर प्रभुत्व है। इनमें से बहुत सारे लोगों को अभी भी भारत की नागरिकता का इंतजार है।
सीएए को लेकर जानिए 10 सवालों के जवाब…
सीएए दिसंबर 2019 में संसद में पारित हो गया था. चार साल से ज्यादा समय बाद इसके नियमों को अधिसूचित किया गया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीएए के लिए फॉर्म जारी कर दिया है. इसमे सभी जरूरी दस्तावेजों और नियमों की जानकारी दी गई है. उधर, पश्चिम बंगाल, केरल, मेघालय त्रिपुरा और असम में सीएए को लेकर विरोध शुरू हो गया है.
1. किन लोगों को मिलेगी नागरिकता?
ऐसे शरणार्थियों को नागरिकता दी जाएगी, जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में आकर बस गए हैं. आवेदकों को वो साल बताना होगा, जब उन्होंने यात्रा दस्तावेज के बिना भारत में प्रवेश किया था. भारत में आने का दिन, भारत में आने के लिए वीजा या इमिग्रेशन स्टैंप समेत अन्य जानकारियां देनी होंगी.
2. CAA का सिस्टम कैसे काम करेगा?
वेब पोर्टल किया गया है. सारी प्रक्रिया ऑनलाइन है. ऑनलाइन आवेदन करने होंगे. सबसे पहले आवेदन जिला कमेटी के पास जाएगा, फिर वो एंपावर्ड कमेटी को भेजेगी. अधिकार प्राप्त कमेटी नागरिकता पर फैसला लेगी. इसके प्रमुख डायरेक्टर (सेंसस ऑपरेशंस) होंगे. 7 अन्य सदस्य भी होंगे. इसमें आईबी, फॉरेन, रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस, पोस्ट ऑफिस और राज्य सूचना अधिकारी शामिल होंगे.
3. सीएए में नागरिकता के लिए क्या दस्तावेज जरूरी?
भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए ऑनलाइन फॉर्म में शेड्यूल- 1A के तहत 9 तरह के दस्तावेज मांगे गए हैं. जबकि शेड्यूल-1B के तहत 20 तरह के दस्तावेज और शेड्यूल- 1C के तहत शपथ पत्र यानी एफिडेविट देना होगा. सबसे पहले यह बताना होगा कि वे इन तीनों देशों के गैर मुस्लिम शरणार्थी हैं. यानी वहां के निवासी हैं. इसके लिए वहां के पासपोर्ट, जन्म प्रमाण पत्र, शैक्षणिक प्रमाण पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, जमीन से जुड़े दस्तावेज दिखाने होंगे. आवेदक भारत सरकार की तरफ से जारी आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, पैन कार्ड, जमीनी दस्तावेज, बिजली और पानी बिल, विवाह प्रमाण पत्र आदि दिखाकर भी नागरिकता के लिए आवेदन किया जा सकता है.
4. अगर दस्तावेज नहीं हैं तो क्या करें?
फॉर्म भरने के लिए दस्तावेज होना जरूरी नहीं किया गया है. यदि किसी के पास कोई दस्तावेज नहीं है तो वो उसका कारण बता सकता है. अगर कोई डॉक्यूमेंट्स है तो जानकारी देनी होगी. आप जिस राज्य में रह रहे हैं, वहां की नागरिकता के लिए एप्लाई कर सकते हैं.
5. फॉर्म में क्या-क्या भरना होगा?
ऑनलाइन फॉर्म में आपको अपने माता-पिता या पति का नाम, भारत में कब से रह रहे हैं. और कहां, कौन से देश से आए हैं. वहां कहां रह रहे थे. भारत में आने के बाद क्या काम कर रहे हैं. किस धर्म से संबंध रखते हैं.
6. शादीशुदा और गैर-शादीशुदा के लिए अलग फॉर्म है?
वेब पोर्टल पर इसके लिए अलग से फॉर्म है. यदि भारत आने के बाद किसी भारतीय से शादी की है तो उसके बारे में भी जानकारी देनी होगी. बच्चों के लिए भी अलग से फॉर्म दिया गया है.
7. आपराधिक रिकॉर्ड होने की स्थिति में क्या होगा?
अगर कोई आपराधिक रिकॉर्ड है तो इसकी जानकारी देनी होगी. अगर सरकार को लगेगा कि ऐसे किसी शख्स को नागरिकता देने से खतरा हो सकता है तो उसका फॉर्म कैंसिल किया जा सकता है.
8. क्या किसी की नागरिकता छिन सकती है?
नहीं, किसी की नागरिकता छीनने का प्रावधान नहीं है. यानी किसी की नागरिकता पर कोई संकट नहीं है. गृह मंत्री अमित शाह ने भी एक बयान में कहा था कि सीएए किसी की नागरिकता छीनने का कानून नहीं है. CAA के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 से पहले आए गैर मुस्लिम छह समुदायों को नागरिकता देने का प्रावधान किया है.
9. नागरिकता का सर्टिफिकेट कैसे हासिल करें?
फॉर्म में सारी जानकारी देने के बाद सत्यता की पुष्टि करनी होगी और हस्ताक्षर करने होंगे. कोई झूठ या धोखाधड़ी की स्थिति में फॉर्म कैंसिल किया जा सकता है. सरकार के सत्यापन और संतुष्टि के बाद डिजिटल सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा. आवेदक अगर हार्ड कॉपी चाहेगा तो वो भी उपलब्ध कराई जाएगी. प्रमाणपत्र डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित होगा या अधिकार प्राप्त समिति के अध्यक्ष द्वारा हस्ताक्षरित होगा. देशीयकरण द्वारा नागरिकता प्राप्त करने वाले लोगों को समिति द्वारा देशीयकरण का एक डिजिटल प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा.
10. नागरिकता के लिए क्या कोई शर्तें रहेंगी?
– भारतीय नागरिकता पाने के इच्छुक लोगों को आवेदन करने की तारीख से पहले देश में कम से कम 12 महीने तक रहना अनिवार्य है, तभी आवेदन करने के लिए पात्र होंगे. इन 12 महीनों से ठीक पहले के आठ वर्षों के दौरान भी आवेदकों द्वारा देश में कम से कम छह साल बिताया गया हो, तभी उन्हें भारत की नागरिकता प्राप्त करने के लिए पात्र माना जाएगा.
– आवेदकों को यह घोषणा पत्र भी देना होगा कि वे मौजूदा नागरिकता को ‘अपरिवर्तनीय रूप से’ त्याग रहे हैं और वे ‘भारत को स्थायी घर’ बनाना चाहते हैं.
– आवेदक द्वारा उप-नियम (1) के तहत किए गए प्रत्येक आवेदन में इस आशय की घोषणा होगी कि उसका आवेदन स्वीकृत होने की स्थिति में उसके देश की नागरिकता अपरिवर्तनीय रूप से त्याग दी जाएगी और वो भविष्य में इस पर कोई दावा नहीं करेगा.
– नियम इन उप-श्रेणियों के लिए अलग-अलग आवेदन पत्र प्रदान करते हैं जो इस प्रकार हैं- भारतीय मूल का व्यक्ति, भारतीय नागरिक से विवाहित व्यक्ति, भारतीय नागरिक की नाबालिग संतान, भारतीय माता-पिता वाला व्यक्ति, ऐसा व्यक्ति जो खुद या उसके माता-पिता में से कोई एक स्वतंत्र भारत का नागरिक था, एक व्यक्ति जो भारत के प्रवासी नागरिक कार्डधारक के रूप में पंजीकृत है और एक व्यक्ति जो देशीयकरण द्वारा नागरिकता चाहता है.
– देशीयकरण द्वारा नागरिकता चाहने वालों को आवेदन में दिए गए बयानों की सत्यता की पुष्टि करने वाला एक हलफनामा जमा करना होगा. साथ ही आवेदक के चरित्र की गवाही देने वाले एक भारतीय नागरिक का हलफनामा भी जमा करना होगा.
– आवेदक को एक घोषणा पत्र भी प्रस्तुत करना होगा कि उसे संविधान की आठवीं अनुसूची में निर्दिष्ट भाषाओं में से एक का पर्याप्त ज्ञान है.
– सभी स्वीकृत आवेदकों को निष्ठा की शपथ लेनी होगी कि वे भारत के एक नागरिक के रूप में कानून द्वारा स्थापित ‘भारत के संविधान के प्रति सच्ची आस्था और निष्ठा रखेंगे’ और वे ‘ईमानदारी से भारत के कानूनों का पालन करेंगे‘ और अपने कर्तव्यों को ‘पूरा’ करेंगे.
नागरिकता के लिए क्या रहेगी प्रक्रिया?
नामित अधिकारी आवेदक को निष्ठा की शपथ दिलाएगा. उसके बाद शपथ पर हस्ताक्षर करेगा और उसे इलेक्ट्रॉनिक रूप में सशक्त समिति को दस्तावेजों के सत्यापन के संबंध में पुष्टि के साथ अग्रेषित करेगा. यदि आवेदक उचित अवसर देने के बावजूद आवेदन पर हस्ताक्षर करने और निष्ठा की शपथ लेने के लिए व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने में विफल रहता है तो जिला स्तरीय समिति ऐसे आवेदन को इनकार पर विचार करने के लिए अधिकार प्राप्त समिति को अग्रेषित करेगी. कोई पंजीकृत होने या देशीयकृत होने के लिए एक उपयुक्त और उचित व्यक्ति है या नहीं, इसकी जांच से संतुष्ट होने के बाद अधिकार प्राप्त समिति आवेदक को भारत की नागरिकता प्रदान कर सकती है.