दिल्ली की शेष दो सीटों पर भाजपा जल्द ही प्रत्याशियों की घोषणा कर सकती, दमदार चेहरों पर दांव की तैयारी में भाजपा-कांग्रेस
नई दिल्ली
दिल्ली में आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर बड़े स्तर पर तैयारियां चल रही हैं। इंडिया गठबंधन के तहत आम आदमी पार्टी सात में से चार सीटों पर प्रत्याशी उतार चुकी है और शेष तीन सीटों पर कांग्रेस जल्द घोषणा कर सकती है। भाजपा पांच सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर चुकी है और दो सीटों पर जल्द घोषणा की संभावना है…
पूर्वी दिल्ली और उत्तरी पश्चिमी सीट पर कई दावेदार
दिल्ली की शेष दो सीटों पर भाजपा जल्द ही प्रत्याशियों की घोषणा कर सकती है। उम्मीदवारों के चयन को लेकर पार्टी का शीर्ष नेतृत्व स्तर पर मंथन चल रहा है। संभावना है कि 10 मार्च तक र्पू्वी दिल्ली और उत्तरी पश्चिमी सीट के लिए घोषणा हो जाएगी। चार सीटों पर प्रत्याशी बदले जाने के बाद अब लगभग तय माना जा रहा है कि इन दोनों सीटों पर भी भाजपा नए लोगों को मौका देगी।
पूर्वी दिल्ली सीट के लिए जिन उम्मीदवारों को प्रबल दावेदार माना जा रहा है, उनमें भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और प्रदेश इकाई में महामंत्री हर्ष मल्होत्रा का नाम शामिल है। प्रदेश इकाई की तरफ से भी केंद्रीय चुनाव सीमित को इन्हीं दो लोगों के नाम प्रस्तावित करके भेजे गए। वहीं, उत्तरी पश्चिमी सीट पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम और दिल्ली भाजपा इकाई में महामंत्री योगेंद्र चांदोलिया का नाम भी प्रबल दावेदारों में माना जा रहा है।
पार्टी के जानकार कहते हैं कि जिस तरह से शीर्ष नेतृत्व ने अभी तक पांचों सीटों पर संगठन से जुड़े लोगों को उम्मीदवार घोषित करने में प्राथमिकता दी है, उसे देखते हुए लगता है कि बची हुई दोनों सीटों पर भी संगठन के लोगों को प्रत्याशी बनाया जा सकता है। एक कारण यह भी माना जा रहा है कि आम आदमी पार्टी लगभग भाजपा द्वारा उम्मीदवार बदले जाने को लेकर सवाल उठा रही है।
बीते शनिवार को पूर्वी दिल्ली से भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने राजनीति से संन्यास का ऐलान किया था। उसके बाद आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि भाजपा ऐसे नेताओं को टिकट देकर भेजती है, जो पांच साल जमीनी स्तर पर काम नहीं करते और फिर पांच साल बाद वह टिकट बदलकर नए उम्मीदवार को उतारती है। बाकायदा, पूर्वी दिल्ली का उदाहरण भी दिया गया, जहां 2014 में बाहर से उम्मीदवार लाया गया और फिर 2019 में क्रिकेटर गौतम गंभीर को मैदान में उतरा। अब गौतम गंभीर स्वयं पार्टी छोड़ना चाहते हैं। ऐसे में आम आदमी पार्टी सवाल उठा रही है। यही वजह है कि अब पार्टी स्थानीय और संगठन से जुड़े नेताओं को चुनावी रण में उतारने पर ध्यान दे रही है।
जनता के बीच पहुंचे उम्मीदवार:
भाजपा ने जिन पांच सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की है, उन्होंने पार्टी नेतृत्व के निर्देश पर अपने क्षेत्रों में डेरा डाल दिया है।
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दूसरी बार साथ आए
दिल्ली में आप का कांग्रेस के साथ यह दूसरा गठबंधन है। पहला गठबंधन 2013 में हुआ था, जब आप ने कांग्रेस विधायकों के समर्थन से दिल्ली में सरकार बनाई। गठबंधन ज्यादा दिन नहीं चला और सरकार 49 दिनों में ही गिर गई। वर्ष 2019 में फिर दोनों दलों ने लोकसभा चुनाव में साथ आने की कोशिश की, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।