अर्जेंटीना की राष्ट्रीय समाचार एजेंसी तेलम को बंद कर दिया जाएगा : माइली
नाबालिग बच्चों के लिए सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने वाले विधेयक को वीटो किया गया-डेंसेंटिस
अर्जेंटीना की राष्ट्रीय समाचार एजेंसी तेलम को बंद कर दिया जाएगा : माइली
नेपाल-भारत बिजली व्यापार समझौते को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 12 मार्च को सुनवाई
टालहासी
अमेरिका के फ्लोरिडा में उस विधेयक को वीटो कर दिया गया है जो 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाता है। फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसेंटिस ने यह जानकारी दी है।डेसेंटिस ने नाबालिगों के लिए ऑनलाइन सुरक्षा विधेयक के संबंध में एक बयान में कहा, "मैंने एचबी 1 को वीटो कर दिया है क्योंकि विधायिका एक अलग, बेहतर विधेयक पेश करने वाली है।"
उन्होंने बताया कि बच्चों को सोशल मीडिया से जुड़े नुकसान से बचाना महत्वपूर्ण है, लेकिन माता-पिता के अधिकारों का समर्थन करना और गुमनाम भाषण में शामिल होने की वयस्कों की क्षमता को बनाए रखना भी महत्वपूर्ण है।
गर्वनर ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि नया विधेयक इन प्राथमिकताओं को मान्यता देगा और जल्द ही कानून में हस्ताक्षरित किया जाएगा।
अर्जेंटीना की राष्ट्रीय समाचार एजेंसी तेलम को बंद कर दिया जाएगा : माइली
ब्यूनस आयर्स
अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली ने कहा है कि देश की एकमात्र राष्ट्रीय समाचार एजेंसी तेलम को बंद कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह पूर्व राष्ट्रपति क्रिस्टीना फर्नांडीज डी किर्चनर की नीतियों को बढ़ावा दे रही है।
माइली ने शुक्रवार को कहा, "हम तेलम समाचार एजेंसी को बंद कर देंगे। उन्होंने कहा कि इसका इस्तेमाल हाल के दशकों में किर्चनरिज़्म को बढ़ावा देने के रूप में किया गया है।"
अर्जेंटीना के अधिकारी पहले से ही एजेंसी का निजीकरण करने की योजना बना रहे थे।
नेपाल-भारत बिजली व्यापार समझौते को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 12 मार्च को सुनवाई
नेपाल
भारत-नेपाल विद्युत व्यापार समझौते को रद्द करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर 12 मार्च को सुनवाई होगी। यह सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की फुल बेंच करेगी।
भारतीय विदेश मंत्री के नेपाल दौरे के समय दोनों देशों के बीच 10 वर्ष में 10 हजार मेगावाट बिजली खरीद को लेकर एक समझौता हुआ था। प्रमुख विपक्षी दल नेकपा (एमाले) से मधुर संबंध रखने वाले सूर्यनाथ उपाध्याय ने इस समझौते को रद्द करने की मांग करते हुए याचिका दायर की है। इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के दो जजों- कुमार चुडाल और शारदा सुरंगा की बेंच ने इस मामले को फुल बेंच को रेफर करते हुए 12 मार्च की तारीख तय की है। याचिकाकर्ता के तरफ से इस पर अंतरिम आदेश देने की मांग की गई थी लेकिन कोर्ट ने अंतरिम आदेश देने से इनकार किया है।
याचिकाकर्ता की तरफ से दायर याचिका में कहा गया है कि नेपाल भारत के बीच हुए इस समझौते को बिना प्रक्रिया को पूरा करते हुए ही हस्ताक्षर किया गया है। याचिका में समझौते पर ऊर्जा सचिव की तरफ से हस्ताक्षर किए जाने का उल्लेख है जबकि कैबिनेट की तरफ से विदेश सचिव को यह अधिकार दिया गया था। इसके अलावा याचिका में यह भी कहा गया है कि इस समझौते में बिजली व्यापार के अलावा हाईड्रोपावर बनाने की बात कही गई है जो कि उचित नहीं है। इस याचिका में कोर्ट से यह मांग की गई है कि इस समझौते को संसद के दोनों सदनों से दो तिहाई बहुमत से पारित कराए बिना लागू नहीं करने का आदेश दिया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मामला राष्ट्रीय हित से जुडे़ होने के कारण इसे तीन जजों की फुल बेंच के समक्ष भेजा जा रहा है। इससे पहले नहकुल सुवेदी की सिंगल बेंच ने इस समझौते के सभी दस्तावेज को कोर्ट में जमा करने के साथ ही एमिकस क्यूरी से सुझाव देने को भी कहा था। कोर्ट के आदेश के बाद सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और नेपाल बार एसोसिएशन ने अपने तरफ से एक-एक वरिष्ठ अधिवक्ता को एमिकस क्यूरी के रूप में भेजा था।