छत्तीसगड़

केएसके महानदी पावर प्लांट: भू-विस्थापितों का आंदोलन खत्म

जांजगीर चाम्पा.

जांजगीर चाम्पा जिला के नरियरा गांव में संचालित केएसके महानदी पावर प्लांट के सामने तीन दिनों से धरना में बैठे भू-विस्थापितों का आंदोलन समाप्त हो गया है। वहीं प्लांट के लिए अपनी जमीन देने वाले 11 गांव के भू विस्थापित किसानों ने प्लांट प्रबंधन पर वादा खिलाफी करने का आरोप लगाते हुए आंदोलन शुरू किया था। साथ ही प्लांट के गेट में ताला लगाकर गेट के सामने दिन रात बैठे कर मजदूरों के आने जाने पर रोक लगा दी थी।

भू-विस्थापितों की मांग और आंदोलन को बढ़ता देख जिला प्रशासन ने मामले में दखल दी और प्लांट प्रबंधन ने लिखित आश्वासन दिया है। मिली जानकारी अनुसार, प्लांट स्थापित करने के लिए रोकदा, बनाहील, नरियरा के साथ आसपास के 11 गांवों के लोगों ने अपनी जमीन दी थी। 11 साल पहले 32 सौ वाट के पावर प्लांट संचालित होने लगा। लेकिन यहां के कई किसानों को प्लांट प्रबंधन ने अब तक जमीन का मुआवजा नहीं दिया। जमीन के बदले नौकरी नहीं दी और पेशन भी नहीं दी। साथ ही 11 गोद लिए गावों में सीएसआर मद से कोई भी विकास कार्य नहीं कराया गया। जिससे भू-विस्थापित अनेकों बार शासन प्रशासन और प्लांट प्रबंधन से गुहार लगाई। लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला।  प्लांट प्रबंधन की वादा खिलाफी से परेशान होकर किसानों ने प्लांट के खिलाफ 11 फरवरी से प्लांट के सामने धरना प्रदर्शन कर प्लांट के मेन गेट पर ताला लगा दिया था। जिससे अंदर मजदूरों का आना-जाना बंद कर दिया। जिसके परिणाम स्वरुप जिला प्रशासन ने त्रि-पक्षीय वार्ता की और प्लांट के अधिकारियों और भू-विस्थापितों के बीच लिखित समझौता कराया।

भू-विस्थापितों ने जिला प्रशासन की पहल के बाद राहत की सांस ली और अब प्लांट प्रबंधन के लिखित आश्वासन से उचित मुआवजा, नौकरी, पेशन और अन्य सुविधा मिलने की उम्मीद जाग उठी है। भू-विस्थापितों ने कहा कि जिला प्रशासन के अगुवाई और प्लांट प्रबंधन के लिखित आश्वासन के बाद आंदोलन समाप्त हो गया है। अगर मांग पूरी नहीं होगी तो आंदोलन का रास्ता खुला है।

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