मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मुख्य आतिथ्य में एक दिवसीय कार्यशाला आज 14 फरवरी को
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने "पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना" का किया स्वागत
मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मुख्य आतिथ्य में एक दिवसीय कार्यशाला आज 14 फरवरी को
नीति आयोग की कार्यशाला को करेंगे संबोधित
भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई "पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना" का हार्दिक स्वागत और अभिनंदन किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना एक अनूठी क्रांति है। यह एक अभिनव प्रयास है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि 75 हजार करोड़ के निवेश से प्रारंभ होने वाली इस योजना के माध्यम से 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली एक करोड़ घरों तक पहुंचाने का जो लक्ष्य रखा गया है, उससे गरीबों और मध्यम वर्ग के घरों के साथ उनके जीवन में भी नया उजाला आएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मुख्य आतिथ्य में एक दिवसीय कार्यशाला आज 14 फरवरी को
नीति आयोग की कार्यशाला को करेंगे संबोधित
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 'भारत के विनिर्माण विकास में प्रदेश की सहभागिता' विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला के शुभारंभ सत्र को संबोधित करेंगे। कार्यशाला 14 फरवरी को प्रात: 10 बजे कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में प्रारंभ होगी। शुभारंभ सत्र में स्वागत उद्धबोधन नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम का रहेगा। कार्यशाला में विभिन्न सत्र आयोजित होंगे। सत्रों में विषय विशेषज्ञ सहभागिता करेंगे। कार्यशाला का समापन सायंकाल 4 बजे होगी। कार्यशाला का आयोजन योजना आर्थिक सांख्यिकी विभाग, अटल विहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है।
आर्थिक विकास एवं रोजगार सृजन पर परिचर्चा हुई
नीति आयोग, योजना आर्थिक सांख्यिकी एवं एग्पा के अधिकारी हुए शामिल
योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग, मध्यप्रदेश राज्य नीति आयोग की भारत सरकार के प्रतिनिधियों साथ मंगलवार को 'आर्थिक विकास एवं रोजगार सृजन' विषय पर परिचर्चा हुई। अटल विहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान भोपाल में मंगलवार को हुई एक दिवसीय परिचर्चा में नीति आयोग के सदस्य वी.के. सारस्वत, वरिष्ठ सलाहकार इश्तियाक अहमद, प्रमुख सचिव योजना एवं सांख्यिकी मुकेश गुप्ता शामिल हुए। परिचर्चा में आर्थिक सामाजिक विकास के रोडमैप पर विचार प्रस्तुत किये गये।
परिचर्चा में मध्यप्रदेश को आर्थिक वृद्धि एवं समावेशी विकास की ओर अग्रसर होने के लिये विभिन्न बिन्दुओं पर सुझाव दिये गये। प्रमुख रूप से कृषि क्षेत्र में फसल विविधिकरण और ड्रोन आधारित कृषि जैसी नवीन तकनीक का प्रयोग, विनिर्माण क्षेत्र के विकास के लिये स्टार्ट-अप, नवाचारों सामाजिक क्षेत्र में स्वास्थ्य और शिक्षा को भी विकास के नवीन आयामों, एआई, शोध और नवाचार के प्रयोग से अद्यतन और गुणवत्तापूर्ण बनाने के सुझाव दिये गये। परिचर्चा में रोजगार सृजन आधारित आर्थिक विकास के लिये प्रदेश की उच्च शिक्षा को तकनीकी एवं कौशल विकास के सभी प्रतिमानों एवं आयामों से एकीकृत करने पर चर्चा हुई। उच्च शिक्षा को नवीन शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण बनाने और आवश्यकता आधारित रोजगार सृजन में आवश्यक मदद मिलेगी।
परिचर्चा में मुख्य कार्यपालन अधिकारी बीएस जामोद, सचिव श्रीमती शिल्पा गुप्ता, एग्पा के सीईओ लोकेश शर्मा, एम्स भोपाल के निदेशक, वन प्रबंधन संस्थान निजी विश्वविद्यालय एवं अन्य राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल हुए।