नई दिल्ली, (RIN) । देश भर में पंचांग के अनुसार साल 2021 में होलाष्टक का आरंभ 22 मार्च से हो जाएगा। आपको बतादें इस दिन फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि रहेगी। ज्योतिष के मुताबिक चंद्रमा मिथुन राशि में विराजमान होंगे और इस दिन आद्रा नक्षत्र भी रहेगा। अन्य ग्रहों व राशियों की बात की जाए तो वृष राशि में राहु और मंगल, वृश्चिक राशि में केतु, मकर राशि में गुरू और शनि, कुंभ राशि में बुध और मीन राशि में सूर्य व शुक्र विराजमान रहेंगे। ज्योतिष के अनुसार होलाष्टक का समापन होलिका दहन के दिन हो जाता है। पंचाग के मुताबिक होलिका दहन 28 व 29 मार्च को होली खेली जाएगी।
होलाष्टक पर आप क्या न करें
1 – आप को बतादें होलाष्टक के दौरान विवाह का मुहूर्त नहीं होता है इसलिए इन दिनों में विवाह जैसा मांगलिक कार्य संपन्न नहीं करना चाहिए।
2 – नए घर में प्रवेश भी इन दिनों में नहीं करना चाहिए।
3 – भूमि पूजन भी इन दिनों में न ही किया जाए तो बेहतर रहता है।
4 – नवविवाहिताओं को इन दिनों में मायके में रहने की सलाह दी जाती है।
5 – हिंदू धर्म में 16 प्रकार के संस्कार बताए जाते हैं, इनमें से किसी भी संस्कार को संपन्न नहीं करना चाहिए। हालांकि दुर्भाग्यवश इन दिनों किसी की मौत होती है तो उसके अंत्येष्टि संस्कार के लिए भी शांति पूजन कराया जाता है।
महादेव ने किया था कामदेव को भस्म
मान्यता के अनुसार भगवान शिव ने अपनी तपस्या भंग करने का प्रयास करने पर कामदेव को फाल्गुन शुक्ल अष्टमी तिथि को भस्म कर दिया था। कामदेव प्रेम के देवता माने जाते हैं, इनके भस्म होने के कारण संसार में शोक की लहर फैल गई। जब कामदेव की पत्नी रति द्वारा भगवान शिव से क्षमा याचना की गई, तब भगवान शिव ने कामदेव को पुनर्जीवन प्रदान करने का आश्वासन दिया। इसके बाद लोगों ने खुशी मनाई। होलाष्टक का अंत दुल्हेंदी के साथ होने के पीछे एक पौराणिक कारण यह माना जाता है।