विदेश

बहन के आरोपों से हलचल, पूर्व पीएम इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी हुई किडनैप

इस्लामाबाद
पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी किडनैप हो गई हैं या फिर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। बुशरा बीबी की बहन मरियम रियाज वट्टू ने एक वीडियो स्टेटमेंट जारी कर यह आरोप लगाया तो पाकिस्तान की राजनीति में हलचल तेज हो गई। इस्लामाबाद में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के आंदोलन के बीच ऐसे आरोपों ने जोर पकड़ा तो अब एक नई खबर आई है। इन रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि बुशराबा बीबी और खैबर पख्तूनख्वा के सीएम अली अमीन गंदापुर को राज्य विधानसभा के स्पीकर बाबर सलीम स्वाती के घर पर देखा गया है।

जानकारी मिली है कि दोनों नेताओं के साथ पीटीआई के एक और लीडर तैमूर सलीम खान भी थे। तैमूर ने बताया कि वह, बुशरा बीबी और सीएम गंदापुर ने मानशेरा के सर्किट हाउस में रात गुजारी थी और फिर राजधानी के लिए निकले। इस तरह सुबह ही मची हलचल अब जाकर शांत हुई है। बुशरा बीबी की बहन ने वीडियो जारी कर रहा था कि आखिर मेरी बहन कहां हैं। यह जानकारी मिल रही है कि बुशरा बीबी को अरेस्ट कर लिया गया है। कुछ लोगों का कहना है कि वह खैबर पख्तूनख्वा पहुंच गई हैं। वहीं यह भी आशंका जताई जा रही है कि उन्हें अरेस्ट कर लिया गया है।

यह वीडियो स्टेटमेंट ऐसे समय में आया, जब इमरान खान की पार्टी ने 'करो या मरो' का नारा देते हुए आंदोलन छेड़ा था। अब इस आंदोलन को वापस ले लिया गया है। पीटीआई के हजारों समर्थक रविवार से ही इस्लामाबाद पहुंच रहे थे और सोमवार को तो हिंसा भड़क गई। इस हिंसा में अब तक 6 लोगों के मारे जाने की जानकारी मिली है। इसके बाद ही पीटीआई ने आंदोलन वापस लेने का ऐलान किया है। वहीं इमरान खान ने अपने समर्थकों से कहा है कि हमें आखिरी गेंद तक लड़ना है। पीटीआई का दावा है कि पंजाब सरकार की पुलिस और पाकिस्तानी सेना की फायरिंग में उसके 8 कार्यकर्ताओं की मौत हो गई है।

वहीं प्रशासन का कहना है कि झड़पों में 4 सैनिकों समेत 6 सुरक्षाकर्मी मारे गए हैं। वहीं मरियम रियाज वट्टू का कहना है कि यदि उनकी बहन सुरक्षित हैं और खैबर पख्तूनख्वा में हैं तो फिर परिवार के साथ उनका संपर्क क्यों नहीं हो पा रहा है। इसके अलावा इस्लामाबाद को घेरने वाला आंदोलन स्थगित करने पर भी मतभेद पैदा हो हैं। वट्टू का कहना है कि बुशरा बीबी ने पहले ही कहा था कि आंदोलन को रोकने का अधिकार सिर्फ इमरान खान का है। उनकी सलाह के बिना कोई भी आंदोलन को वापस लेने का ऐलान नहीं कर सकता।

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