बिज़नेस

21,000 करोड़ रुपये से ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क विस्तार और शहरी क्षेत्रों में क्वालिटी सुधार में होगा

नई दिल्ली
इस समय देश के काफी ऐसे हिस्से हैं, जहां फोन की सेवा (Telephone Service) आपके मनमुताबिक नहीं मिलती है। गांवों में स्थिति कुछ ज्यादा ही खराब है। लेकिन आने वाले कुछ वर्षों के दौरान ऐसी हालत नहीं रहेगी। क्योंकि भारतीय टेलीकॉम टावर कंपनियां अगले कुछ वर्षों के दौरान भारी निवेश करने वाली हैं। यह निवेश ग्रामीण नेटवर्क के विस्तार और शहरी क्षेत्रों में सर्विस क्वालिटी सुधारने के होगा।

कितना होगा निवेश

क्रिसिल रेटिंग्स (Crisil Ratings) की मंगलवार को यहां जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक टेलीकॉम टॉवर सेक्टर में वित्त वर्ष 2025 और 2026 में 21,000 करोड़ रुपये का निवेश होने वाला है। क्रिसिल रेटिंग्स की रिपोर्ट में बताया गया कि 5जी के रोलआउट के साथ-साथ बेहतर कवरेज और कनेक्टिविटी पर जोर देने से पिछले दो वित्तीय वर्षों में 23,000 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय (Capex) हुआ है।

टावरों की संख्या में जोरदार वृद्धि

क्रिसिल रेटिंग्स के डायरेक्टर, आनंद कुलकर्णी ने बताया कि इंडस्ट्री ने पिछले दो वित्त वर्षों में 4जी और 5जी सेवाओं को सपोर्ट करने के लिए टावरों की संख्या जोरदार वृद्धि देखी है। अब जब 5जी सेवाओं का रोलआउट हो गया है, तो टेलीकॉम कंपनियों के नेटवर्क कैपेक्स में धीरे-धीरे कमी आने की उम्मीद है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले समय में भी हम टावरों की संख्या में बढ़ोतरी देखेंगे, क्योंकि कवरेज में बढ़त पाने के लिए कंपनी टावर पोर्टफोलियो का विस्तार करेंगी।

कहां होगा कंपनियों का ध्यान

कुलकर्णी का कहना है "टेलीकॉम कंपनियों का ध्यान कम पहुंच वाले ग्रामीण क्षेत्रों में टावर घनत्व पर रहेगा, जहां वित्तीय वर्ष 2024 के अंत में टेली घनत्व केवल 59 प्रतिशत था, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह 134 प्रतिशत था। कुछ टेलीकॉम कंपनियों द्वारा अपने 4जी और 5जी कवरेज का विस्तार करने की योजना भी टावर कैपेक्स को बढ़ा सकती है।"

58,000 नए टॉवर लगे

रिपोर्ट के मुताबकि बीते दो साल के दौरान टेलीफोन टावर सेक्टर में जोरदार बढ़ोतरी देखने को मिली है। वित्त वर्ष 2023 और 2024 के दौरान इन कंपनियों ने कुल 58,000 नए टावर जोड़े। रिपोर्ट के मुताबिक, हाल के वर्षों में, टेलीकॉम इंडस्ट्री में कंसोलिडेशन के कारण टावर कंपनियों के किरायेदारी अनुपात में गिरावट देखने को मिली है। टेलीकॉम इंडस्ट्री में कंसोलिडेशन से मूल्य निर्धारण की क्षमता टेलीकॉम कंपनियों के पास चली गई है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button