पूर्व कप्तान रानी रामपाल अब महिला हॉकी लीग में अब मेंटोर और कोच की भूमिका में नजर आयेंगी
नई दिल्ली
भारतीय महिला हॉकी की पूर्व कप्तान रानी रामपाल अब महिला हॉकी लीग में अब मेंटोर और कोच की भूमिका में नजर आयेंगी। महिला हॉकी लीग के इस पहले सीज़न में रानी पंजाब और हरियाणा का प्रतिनिधित्व करते हुए सूरमा हॉकी क्लब की कोच होंगी। यह उपलब्धि न केवल उनके लिए एक व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि समग्र रूप से भारतीय महिला हॉकी के लिए एक कदम आगे है। रानी ने कहा कि इससे उनके जीवन का एक नया अध्याय शुरु होगा। रानी कई सालों तक भारतीय महिला हॉकी का चेहरा रहीं। इस दौरान उनका नेतृत्व कौशल और जुनून प्रेरणादायक रहा।
रानी टोक्यो ओलंपिक 2021 में ऐतिहासिक चौथे स्थान पर रही भारतीय टीम की कप्तान रही थीं। रानी ने कहा, ‘‘हॉकी मेरा जुनून है। मैने जितने समय खेला, जुनून के साथ खेला। मेरे दिमाग में हमेशा से यह था कि भारतीय हॉकी से जुड़ने के लिये जो भी मौका मिलेगा, उसे मैं स्वीकार जरूर करूंगी। हॉकी मेरे दिमाग में हमेशा चलती रहती थी।’’ रानी ने भारत के लिये 212 मैचों में 134 गोल कर किये हैं और इस प्रकार उन्हें खेल का लंबा अनुभव है। इस खिलाड़ी ने कहा कि पहली बार शुरु हो रही इस महिला लीग से उभरती हई खिलाड़ियों को एक मंच मिलेगा। रानी ने कहा कि मैं एक महिला खिलाड़ी हूं और मैने बहुत संघर्ष झेला है।
एक खिलाड़ी हमेशा खिलाड़ी होता है। खेलने की इच्छा कभी खत्म नहीं होती। कई बार आपको कठिन फैसला लेना होता है और इसी लिए लीग में न खेलते हुए ही मैने कोचिंग स्टाफ के साथ जुड़ने का फैसला किया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘संन्यास के बारे में बोलना अभी मुश्किल है। अभी लीग में नई चुनौती का सामना करूंगी और उसके बाद कोई अंतिम फैसला लूंगी।’’ साथ ही कहा कि भारतीय हॉकी टीम को अब 2026 एशियाई खेलों और 2028 लॉस एंजिलिस ओलंपिक की तैयारी करनी चाहिये। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के पास हरेंद्र सिंह के रूप में एक बेहतरीन कोच है जो पोडियम फिनिश का सपना पूरा कर सकते हैं। इस महान स्ट्राइकर ने कहा, ‘‘कोई भी टीम हारना नहीं चाहती। हम अतीत को बदल नहीं सकते लेकिन अब 2028 के लिये देखना है। पहला लक्ष्य 2026 एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतकर ओलंपिक के लिये सीधे क्वालीफाई करना होना चाहिये। साथ ही कहा कि महिला लीग खिलाड़ियों का पूल तैयार करने में काफी सहायक हो सकती है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हरेंद्र सर कोच के तौर पर लौटे हैं जिनके साथ मैंने काफी हॉकी खेली है। उनके साथ सबसे बड़ा फायदा यह है कि वह हमारी संस्कृति और जानते हैं। हमें भरोसा है कि हरेंद्र सर के साथ टीम 2028 में टीम अच्छा करेगी।’’रानी ने स्वीकार किया कि महिला लीग के पहले सत्र में नीलामी के लिये पर्स छोटा है लेकिन उम्मीद जताई कि आने वाले समय में अधिक फ्रेंचाइजी लीग से जुड़ेंगी और पैसा भी बढेगा। उन्होंने कहा, ‘‘नीलामी के लिये पर्स कम जरूर है लेकिन कोई भी चीज शुरू करना कठिन होता है। हॉकी इंडिया के लिये भी यही है लेकिन लीग का प्रभाव अच्छा रहता है तो उम्मीद है कि और टीमें आगे आयेंगी और पर्स भी बढेगा। हमारे खिलाड़ी बहुत साधारण पृष्ठभूमि से आते हैं तो आर्थिक तौर पर यह लीग बहुत मदद करेगी।’’