मध्यप्रदेश

नगरीय निकायों की तर्ज पर पंचायतों में भी बदलेगी व्यवस्था, सरपंच के खिलाफ तीन साल बाद ही लाया जा सकेगा अविश्वास प्रस्ताव

भोपाल

 नगरीय निकायों की तर्ज पर अब ग्राम पंचायतों के सरपंचों के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव तीन चौथाई बहुमत से पास करने पर तीन साल बाद लाने का प्रविधान लाया जाएगा। रोजगार सहायक एवं सचिव की एसीआर लिखने का अधिकार सरपंच को दिए गए हैं। इसमें ग्राम रोजगार सहायक के मूल्यांकन प्रपत्र का स्वीकारकर्ता सरपंच को बनाया गया है। पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 22 के अंतर्गत सरपंचों को जनपद पंचायत में रोस्टर के हिसाब से 20% प्रतिवर्ष बुलाए जाने के प्रविधान का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये है। यह बात प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने मीडिया से चर्चा में कही।

1400 ग्राम पंचायत भवन बनेंगे

मंत्री पटेल ने बताया कि भवन विहीन ग्राम पंचायतों के लिए 1400 ग्राम पंचायत भवनों की स्वीकृति प्रथम चरण में जारी की जा रही है। मंत्री ने कहा कि स्थानीय ग्रामीण समुदाय के लिए सामुदायिक भवनों का निर्माण भी चरणबद्ध रूप से किया जाएगा। महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) अंतर्गत श्रम सामग्री (60:40) का अनुपात अभी तक जिला स्तर पर संधारित किया जाता था। अब इसको जनपद स्तर पर संधारित किया जाएगा। सहायक यंत्री को तकनीकी स्वीकृति जारी करने के अधिकार की सीमा 15 लाख रुपये से बढ़कर 25 लाख की गई है। तकनीकी स्वीकृति सहायक यंत्री को अधिकृत किया जा चुका है।

झूठी शिकायत करने वालों पर होगी कार्रवाई

मंत्री पटेल ने यह भी कहा कि मनरेगा योजना अंतर्गत कपिलधारा की इकाई लागत राशि तथा पेयजल के लिए बनाने वाले सामुदायिक कूप की लागत राशि में अंतर है। इसको युक्तियुक्त करने का अनुरोध किया गया है, इस पर विचार किया जाएगा। पंचायत राज ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 40 का दुरुपयोग सरपंच के विरुद्ध ना हो इस संबंध में आवश्यक निर्देश जारी किए जाएंगे। सीएम हेल्पलाइन 181 पर झूठी शिकायत दर्ज कराने वाले तथा आदतन शिकायतकर्ता के संबंध में आवश्यक कार्रवाई के लिए लोक सेवा प्रबंधन विभाग से कहा गया है।

श्रमोदय आदर्श आईटीआई का श्रम मंत्री पटेल ने किया अवलोकन

मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने शुक्रवार को भोपाल स्थित श्रमोदय आदर्श आइटीआइ का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने संस्थान के विभिन्न ट्रेड्स की कक्षाओं का निरीक्षण किया और छात्रों के साथ बातचीत भी की। उन्होंने कहा कि आधुनिक सुविधाएं छात्रों को उद्योग की वास्तविक चुनौतियों के लिए तैयार करती हैं और उन्हें एक प्रतिस्पर्धी माहौल में सफल होने के लिए सशक्त बनाती हैं। मंत्री पटेल ने आइटीआइ में प्रदेश के बलाघाट, छतरपुर, छिंदवाडा, बैतूल, भिंड ग्वालियर, पन्ना व अन्य जिलों से आए अध्ययनरत छात्रों से बातचीत की, जहां उन्होंने छात्रों से उनके ट्रेड्स के अध्ययन और तकनीकी प्रशिक्षण के अनुभव के बारे में विस्तार से चर्चा की। पटेल ने छात्रों से उनके विषयों से संबंधित प्रश्न भी पूछे कि उद्योग जगत में अपनी योग्यता को लेकर छात्र कितने आश्वस्त महसूस करते हैं।

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