CAG की रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा, सिंगाजी पावर प्लांट में पाई गई गड़बड़ी
खंडवा
खंडवा स्थित सिंगाजी पावर प्लांट के निर्माण और संचालन में आई खामियों के बारे में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने गुरुवार को एक रिपोर्ट को विधानसभा में साझा किया है। जानकारी के मुताबिक CAG ने इस रिपोर्ट को मार्च 2021 तक के वित्तीय वर्ष के आधार पर तैयार किया है। इस रिपोर्ट के अनुसार सरकार को 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ा है। जिससे कहीं न कहीं एक बड़ी गलती उजागर होती हुई दिखाई दे रही है।
Narmada-Kshipra Link परियोजना पर भी सवाल
जानकारी के मुताबिक CAG ने नर्मदा-क्षिप्रा लिंक परियोजना को लेकर भी इस दौरान एक रिपोर्ट पेश की है, जिसमें कहा गया है कि “सरकार ने नर्मदा का पानी क्षिप्रा में छोड़ कर इसे एक बारहमासी नदी में बदलने की कोशिश की, लेकिन इसमें सरकार पूरी तरह से भटक गई।” आपको बता दें CAG की इस रिपोर्ट में क्षिप्रा को साफ करने के लिए सरकार के प्रयासों को बिना मतलब का बताया गया है।
मुख्यमंत्री की घोषणा और CAG की रिपोर्ट का सामना:
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 7 जनवरी को उज्जैन में क्षिप्रा को सतत प्रवाह मान बनाए रखने के लिए एक नया प्राधिकरण बनाने का एलान किया था, लेकिन CAG की रिपोर्ट ने सरकार के इस प्रयास को कटघरे में खड़ा कर दिया और कड़े सवालों का सामना कराया है। गौरतलब है की इस रिपोर्ट के अलावा, CAG ने सरकार की कई योजनाओं पर भी कड़े सवाल उठाए हैं।
CAG की रिपोर्ट के अनुसार:
CAG ने बताया कि सिंगाजी पावर प्लांट के निर्माण में हुई देरी के कारण, सरकार को बड़ा नुकसान हुआ है। नियमानुसार ठेकेदार को कोयले के स्टॉक में कमी की वजह से बिजली की कमी को पूरा करने के लिए प्राइवेट सेक्टर से महंगी बिजली खरीदी गई। जिससे सरकार का खर्च बढ़ता चला गया और काफी नुकसान उठाना पड़ा।