अयोध्या में भगवान राम 22 जनवरी को अपने भव्य मंदिर में विराजेंगे, उद्घाटन के बाद उद्घाटन के बाद राममंदिर रोजाना 14 घंटे के लिए खुला रहेगा
अयोध्या
अयोध्या में भगवान राम 22 जनवरी को अपने भव्य मंदिर में विराजेंगे। राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं। इसी बीच पहली बार श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने राम मंदिर निर्माण को लेकर सोशल मीडिया पर विस्तृत जानकारी राम भक्तों को दी है। देश-दुनिया के भक्तों को मंदिर के स्वरूप व विशेषताओं से भक्तों को अवगत कराया गया है। 32 सीढ़ियां चढ़कर भक्त अपने आराध्य भगवान राम के दर्शन कर पाएंगे। उद्घाटन के बाद राममंदिर रोजाना 14 घंटे के लिए खुला रहेगा और डेढ़ लाख भक्त दर्शन कर पाएंगे।
प्रतिदिन 14 घंटे के लिए खोला जाएगा मंदिर
मंदिर के प्रवेश द्वार पर कदम रखते ही भक्त गणेश जी और हनुमान जी के दर्शन कर पाएंगे। मंदिर के सामने गरुड़ देव की एक प्रतिमा को स्थापित किया गया है। राममंदिर को प्रतिदिन 14 घंटे के लिए खोला जाएगा। सुबह सात बजे से लेकर 11 बजकर 30 मिनट से दर्शन कर सकेंगे। प्रथम बेला के दर्शन के बाद भक्त दोपहर के 2 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक रामलला के दर्शन कर सकेंगे। हालांकि, इन समयों में बदलाव किया जा सकता है।
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि आठ दिशाएं, अंष्ट भुजाएं और विष्णु के आठ स्वरूपों को ध्यान में रखकर ही गर्भगृह अष्टकोणीय बनाया गया है। गवान के गुणों का ध्यान रखते हुए ही नक्काशी की गई है। गर्भगृह को ऐसा बनाया गया है कि भक्त 25 दूर से ही अपने आराध्य की छवि को निहार सकेंगे। राममंदिर में विष्णु के दशावतार, 64 योगिनी, 52 शक्तिपीठ और सूर्य के 12 स्वरूप की मूर्तियां उकेरी गई हैं। हर पिलर में 16-16 मूर्तियां उकेरी गई हैं। मंदिर में ऐसे कुल 250 पिलर हैं।
राम मंदिर की पूरी जानकारी इस प्रकार है…
मंदिर तीन मंजिला रहेगा. मंदिर की प्रत्येक मंजिल 20 फीट ऊंची होगी और इसमें कुल 392 खंभे और 44 द्वार होंगे.
पारंपरिक नागर शैली में निर्मित मंदिर परिसर 380 फीट लंबा (पूर्व-पश्चिम दिशा), 250 फीट चौड़ा और 161 फीट ऊंचा होगा.
मुख्य गर्भगृह में श्रीराम का बालरूप (श्रीरामलला सरकार का विग्रह) प्रथम तल पर श्रीराम दरबार होगा.
सबसे ऊपर वाले फलक पर, भगवान हनुमान की मूर्ति एक तरफ है जबकि दूसरी तरफ ‘गरुड़' की मूर्ति है.
निचले फलक पर हाथी की एक-एक मूर्ति है, दूसरे स्तर पर शेर की एक मूर्ति है.
परकोटे के कोनों पर सूर्यदेव, मां भगवती, गणपति व शिव को समर्पित मंदिरों का निर्माण होगा. मां अन्नपूर्णा व हनुमानजी का मंदिर भी रहेगा.