मध्य यूक्रेन पर रूसी मिसाइलों के हमले में एक की मौत, आठ घायल
यूक्रेन के खिलाफ लड़ने वाले विदेशी को रूस की नागरिकता देने की पुतिन ने की पेशकश
मास्को
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक आदेश जारी कर यूक्रेन के विरुद्ध लड़ने वाले विदेशियों को सपरिवार नागरिकता देने की पेशकश की है। आदेश में कहा गया है कि 'स्पेशल सैन्य अभियान' के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, वे इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।
राष्ट्रपति पुतिन द्वारा जारी आदेश के अनुसार आवेदकों को खुद के साथ अपने जीवनसाथी, बच्चे और माता-पिता को दर्शाने वाले दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। पात्र लोगों में एक साल के लिए नियमित अनुबंध पर हस्ताक्षर करने वाले शामिल हैं।
नियमित सशस्त्र बल या अन्य सैन्य संरचनाओं वाले वैगनर जैसे समूह के लोगों पर भी यह लागू हो सकता है। ऐसा लगता है कि इस उपाय का उद्देश्य अतिरिक्त सैनिकों की भर्ती करना है। हालांकि, रूस ने उसकी ओर से लड़ रहे लोगों का कोई आंकड़ा नहीं जारी किया है।
मध्य यूक्रेन पर रूसी मिसाइलों के हमले में एक की मौत, आठ घायल
कीव
रूसी सेना ने गुरुवार को मध्य यूक्रेन के क्रोपिव्नित्सकी पर मिसाइल से हमले किए जिसमें एक नागरिक की मौत हो गई और आठ घायल हुए हैं। रूस के इस मिसाइल हमले में एक ऊर्जा सयंत्र को भारी नुकसान पहुंचा है। क्रोपिव्नित्सकी के गवर्नर ने हमले के बाद कहा कि शहर में इमारतों को नुकसान पहुंचा है। साथ ही शहर में बिजली और पानी आपूर्ति में कटौती हो रही है।
गवर्नर एंड्री रायकोविच ने मीडिया से कहा कि रूस ने हमले के लिए एक्स-59 मिसाइल का इस्तेमाल किया है। रायकोविच के मुताबिक हमले में साधारण कार मैकेनिक कि मौत हो गई और आम नागरिक घायल हो गए। रायकोविच के मुताबिक, बिजली लाइनों को हुए नुकसान से शहर के कई हिस्सों में बिजली गुल हुई और पानी की आपूर्ति में कटौती हुई है। हालांकि, बाद में बिजली और पानी सेवाएं बहाल कर दी गईं। वहीं, यूक्रेन ने कहा है कि रूस ने 29 दिसंबर से अब तक लगभग 300 मिसाइलों और 200 से अधिक ड्रोन्स से हमले किए हैं।
इमरान खान की पार्टी चुनाव चिह्न बचाने के लिए उच्चतम न्यायालय पहुंची
-लाहौर उच्च न्यायालय के फैसले को देंगे चुनौती
लाहौर
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी चुनाव चिह्न बचाने के लिए उच्चतम न्यायालय पहुंच गई है। पार्टी ने यह फैसला लाहौर उच्च न्यायालय के एक फैसले के बाद लिया है जिसमें उच्च न्यायालय ने पाकिस्तान निर्वाचन आयोग का वह आदेश बहाल कर दिया था जिसमें पार्टी के संगठनात्मक चुनाव को अमान्य घोषित किया गया था और इसका चुनाव चिह्न 'क्रिकेट का बल्ला' रद्द कर दिया गया था।
पेशावर उच्च न्यायालय (पीएचसी) ने पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) के आदेश को बहाल कर दिया था जिसके बाद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने लाहौर उच्च न्यायालय का रुख किया था। हालांकि, गुरुवार को लाहौर उच्च न्यायालय ने पार्टी की याचिका खारिज कर दी। जानकारी के अनुसार पार्टी की याचिका पर शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में सुनवाई होगी।
इमरान की पार्टी की ओर से उच्चतम न्यायालय में दायर याचिका में दलील दी गई है कि पीएचसी ने आयोग की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुनाया था और अदालत के 26 दिसंबर के आदेश में यह प्रदर्शित हुआ था, इसलिए अदालत का बुधवार का फैसला "कायम रहने योग्य नहीं" है।
खबर के मुताबिक, याचिका में पीएचसी के आदेश को "बेहद कठोर, गैर तर्कसंगत और कायम नहीं रखने योग्य" करार दिया गया। उल्लेखनीय है कि 22 दिसंबर को पाकिस्तान निर्वाचन आयोग ने इमरान की पार्टी के संगठनात्मक चुनाव को खारिज करने के साथ ही पार्टी का चुनाव चिह्न क्रिकेट का बल्ला रद्द कर दिया था। दिसंबर में हुए इस चुनाव में बैरिस्टर गौहर खान को पार्टी का नया अध्यक्ष चुना गया था।