छत्तीसगड़

छत्तीसगढ़-मनेंद्रगढ़ के प्रधान आरक्षक की पत्नी और बेटी के जनाजे को एसपी ने दिया कंधा

मनेंद्रगढ़।

सूरजपुर जिले में प्रधान आरक्षक तालिब शेख की पत्नी और बेटी की सोमवार को बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. इस दोहरे हत्याकांड ने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया है. वहीं मंगलवार को मां और बेटी का जनाजा गृह ग्राम मनेंद्रगढ़ से उठाया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. इस दौरान पुलिस अधीक्षक चंद्रमोहन सिंह ने भी अंतिम यात्रा में शामिल होकर जनाजा को कंधा दिया. मनेंद्रगढ़ के मौहारपारा कब्रिस्तान में मां और बेटी के शव को सुपुर्द ए खाक किया गया. अंतिम यात्रा में सभी समुदायों के लोग उपस्थित रहे.

वहीं बड़ी संख्या में पुलिस बल भी मौजूद रहा. बता दें कि रविवार को सूरजपुर के चौपाटी में एक पुलिसकर्मी से कुलदीप साहू ने बहस किया. यह कहकर कि ‘तुम्हारी पुलिस मेरे जीना हराम कर रखी है’. जिसपर आरक्षक ने कहा ‘मैं तो एक आरक्षक हूं, वरिष्ठ अधिकारी जो कर रहे होंगे, मुझे क्या पता’ तो उसने होटल में कढ़ाई में रखा खौलते हुआ तेल फेंक दिया. उसने होटल से खौलते हुए कड़ाई भरी तेल फेंक दिया. इसमें आरक्षक पूरी तरह से जल गया. इसके बाद उसे इलाज के लिए अंबिकापुर रेफर किया गया. मामले की जानकारी के बाद कुलदीप के खिलाफ अपराध दर्ज कर उसकी तलाश शुरू की गई. इस दौरान अंधेरे में वह एक कर में बैठा हुआ था इस दौरान उसने पैदल खोजबीन कर रहे पुलिस वालों पर गाड़ी चढ़ाने का प्रयास किया. इसी बीच शहर से बाहर महगंवा स्थित प्रधान आरक्षक तालिब शेख के किराए के मकान का दरवाजा तोड़कर अंदर घुसा तभी तालिब शेख की पत्नी ने अपने पति को कॉल किया. लेकिन बात नहीं हो पाई. उसके बाद तालिब शेख ने भी अपनी पत्नी से कांटेक्ट करने की कोशिश की लेकिन बात नहीं हो पाई. जिसके बाद प्रधान आरक्षक को अंदेशा हुआ और घर पहुंचा. जहां प्रधान आरक्षक शेख ने देखा कि घर में खून फैला हुआ था, बीवी और बच्ची घर पर नहीं थे. वहीं घर के बाहर चाकू मिला और काफी सरगर्मी से तलाश शुरू की गई तो पत्नी और बेटी की लाश शहर से करीब 5 किलोमीटर दूर मिली. फ़िलहाल, आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. पुलिस सरगर्मी से उसकी तलाश कर रही है.

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