देश

सेलर मालिकों और आढ़तियों ने रेलवे ट्रैक और हाईवे पर दिया धरना, मांगों को लेकर किसानों का प्रदर्शन

चंडीगढ़
धान खरीद को लेकर किसानों ने पूरे पंजाब में अलग-अलग इलाकों में विरोध प्रदर्शन किया। कहीं हाईवे जाम किया तो कहीं रेल की पटरियों पर बैठकर अपना रोष प्रदर्शन किया। उड़मुड़ टांडा में जालंधर-जम्मू हाईवे जाम कर के दोआबा किसान कमेटी पंजाब ने धान की खरीद सही ढंग से करने की आवाज उठाई। जत्थेबंदी के राज्य प्रधान जंगवीर सिंह चौहान और महासचिव पृथपाल सिंह गुराया के नेतृत्व में दानामंडी आढ़ती एसोसिएशन, शैलर मालिकों और मजदूरों ने मिलकर पंजाब तथा केंद्र सरकार के खिलाफ बिजली घर चौक नजदीक करीब 12 बजे सड़क जाम कर रोष प्रदर्शन किया। घड़ी। इस मौके पर प्रधान चौहान ने कहा कि वह दोनों सरकारों से बार-बार अपील कर रहे हैं कि धान की सरकारी खरीद लगातार की जाए। लेकिन जब भी एसकेएम पंजाब चंडीगढ़ जाकर संघर्ष का आह्वान करता है, फिर खरीद शुरू होती है बाद में फिर से बंद कर दी जाती है।

नहीं हुई धान खरीद
उन्होंने विरोध जताते हुए कहा कि 15 दिन का सीजन लगभग खत्म हो चुका है, जबकि खरीद नहीं हुई है और उठान की भी कोई व्यवस्था नहीं है। जबकि इसके उलट सरकार किसानों मज़दूरों आढ़ती तथा शेलर मालिकों को धोखा दे रही है। किसान किसान मंडियों में खराब हो रहे हैं। उन्होंने सीएम भगवंत सिंह मान से अपील की कि वह दिल्ली जाकर केंद्र सरकार से बातचीत कर इस मुद्दे का तुरंत समाधान निकालें।

जालंधर में हाईवे जाम
संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से धान खरीद के चलते रविवार को पूरे पंजाब में 12 बजे से 3 बजे तक सड़क जाम और धरने दिया गया, वहीं धर्मकोट में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसानों ने मोगा जालंधर नेशनल हाईवे पर धरना दिया और हाईवे को जाम कर दिया।

किसानों ने हाईवे और रेल ट्रैक किया जाम
गुरदासपुर और बटाला में भी मंडियों में धान की खरीद शुरू नहीं होने पर संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर रविवार को किसानों ने गुरदासपुर के बब्बरी बाइपास पर दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक अमृतसर-पठानकोट हाईवे जाम कर धरना दिया। इसके अलावा बटाला में रेलवे ट्रैक पर 12.30 बजे से लेकर 2.30 बजे तक धरना लगाया गया। किसानों के धरने के कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। बटाला में धरने के कारण दिल्ली-पठानकोट और अमृतसर-कादियां ट्रेन रद करनी पड़ी। गुरदासपुर में हाइवे जाम होने के कारण वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। बसों में सवार यात्रियों को पैदल ही शहर की तरफ जाने के लिए विवश होना पड़ा, जिसके चलते वे किसानों को कोसते देखे गए।

गौर हो कि जिले में लगभग आधी मंडियों में अब तक धान की खरीद शुरू नहीं हो पाई है, जिससे किसानों में गुस्सा है। यात्री गुरमेज सिंह ने बताया कि वे अमृतसर से पठानकोट जाने के लिए बस में सवार हुए थे। बब्बरी बाइपास पहुंचने पर पता चला कि किसानों ने धरना लगा दिया है। अब पैदल ही बस स्टैंड की तरफ जाना पड़ रहा है ताकि आगे जाने के लिए बस पकड़ी जा सके।

किसान यूनियनों का चब्बेवाल-चंडीगढ़ मुख्य मार्ग पर धरना
कस्बा चब्बेवाल एवं जियाण मंडी के समीप चंडीगढ़ मुख्य मार्ग पर किसानों ने जाम लगा दिया। जाम के दौरान धरना स्थल के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। किसान निर्मल सिंह भीलोवाल एवं किसान परमजीत सिंह पम्मा भीलोवाल ने बताया कि धान की खरीद के संबंध में जो आज दोपहर बारह बजे से तीन बजे तक पंजाब बंद का संदेश था उसी के समर्थन में रविवार यहां चब्बेवाल मुख्य मार्ग पर धरना लगाया गया है। उन्होंने कहा कि शैलर मालिक यदि सरकार से धान नहीं लेना चाह रहे तो इसका मतलब है कि सरकार का शैलर मालिकों के साथ तालमेल सही नहीं है और किसान इसके लिए पंजाब सरकार को दोषी मानते हैं।

किसान संगठनों ने दिया धरना
फरीदकोट, जैतो और कोटकपूरा में भी शैलर मालिकों व आढ़तियों की चल रही हड़ताल के चलते मंडियों में धान की खरीद में आ रही परेशानी के चलते किसान संगठनों, शैलर मालिकों, आढ़तियों व मजदूर संगठनों द्वारा संयुक्त तौर पर फरीदकोट में सादिक चौक पर धरना देकर तीन घंटे तक रोड जाम किया गया।

उल्लेखनीय है कि शैलर मालिकों और सरकार के बीच धान को लेकर सहमति न बन पाने और अपनी मांग को लेकर आढ़तियों की हड़ताल के कारण मंडियों से धान की फसल का की खरीद प्रक्रिया सही तरीके से नहीं चल पा रही है। जिसके कारण किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसी संबंध में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक सादिक चौक में सड़क जाम कर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया गया।

इस मौके पर कौमी किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष बिंदर सिंह गोलेवाला, क्रांतिकारी किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष भुपिंदर सिंह चहल, बीकेयू डकौंदा के जोरा सिंह भाणा, कुल हिंद किसान सभा के सुखजिंदर सिंह सहित अन्य किसान नेताओं ने कहा कि पंजाब सरकार व केंद्र सरकार द्वारा शैलरों में पड़े चावल को न उठाने के कारण यह पूरी समस्या पैदा हुई है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button