मध्यप्रदेश

भोपाल में सड़क पर बोरे में मिली नवजात की मौत, डॉक्टर, एक अप्रशिक्षित नर्स, और एक महिला को गिरफ़्तार

भोपाल

 राजधानी भोपाल में सड़क पर लावारिस हालत में मिली नवजात बच्ची की मौत के बाद एक झोलाछाप डॉक्टर और एक अप्रशिक्षित नर्स को गिरफ्तार किया गया है. साथ ही एक महिला को भी गिरफ्तार किया गया है.

महिला ने अपनी 17 साल की पोती के समय से पहले प्रसव कराने के लिए झोलाछाप डॉक्टर और अप्रशिक्षित नर्स की मदद ली थी. महिला की पोती ने ही बच्ची को जन्म दिया था.

सहायक पुलिस आयुक्त सुनील श्रीवास्तव ने बताया कि बीते बुधवार शाम को सड़क किनारे एक बोरे में मिली बच्ची की गुरुवार सुबह सरकारी अस्पताल में मौत हो गई.

ऐशबाग थाने के इंस्पेक्टर जितेंद्र गढ़वाल ने एक न्यूज एजेंसी को बताया, हमने झोलाछाप डॉक्टर सुरेंद्र नाहर (45), अप्रशिक्षित नर्स फिरदौस (40) और बच्ची को जन्म देने वाली नाबालिग लड़की की दादी को गिरफ्तार किया है.

उन्होंने बताया कि तीनों पर 12 साल से कम उम्र की बच्ची को छोड़ने और भारतीय न्याय संहिता की धारा 93 और 105 के तहत गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है.

नाबालिग ने जब बच्ची को जन्म दिया, तब वह गर्भावस्था के सातवें महीने में थी. इंस्पेक्टर गढ़वाल ने कहा कि प्रसूता का इलाज चल रहा है और उसका बयान उचित समय पर दर्ज किया जाएगा.

एसीपी श्रीवास्तव ने कहा कि सभी तथ्य सामने आने के बाद आरोपियों पर और आरोप लगाए जा सकते हैं.

40 कैमरों को ट्रेस कर आरोपी तक पहुंची पुलिस पुलिस ने आरोपी महिला की पहचान के लिए रोड मैप तैयार किया। बाग उमराव दूल्हा से नवीन नगर तक 40 CCTV कैमरों के फुटेज चेक किए गए। जिससे आरोपी महिला के घर तक पुलिस पहुंचने में कामयाब हो गई। सबसे पहले आसमां को गिरफ्तार किया गया। उसने सहयोगी डॉक्टर सुरेंद्र नाहर का नाम बताया। दोनों की निशानदेही पर नाबालिग मां के घर तक पुलिस पहुंची।

दो महीने से नजर नहीं आई पीड़िता नाबालिग पीड़िता के पड़ोसियों ने बताया कि वह दो महीने से दिखाई नहीं दे रही थी। पूछने पर उसकी तबीयत खराब होने की बात बताई जाती थी। पीड़ित किशोरी की मां ने किसी को भी घटना के संबंध में बताने के लिए मना किया था। नानी ने ही नर्स आसमां से संपर्क किया था।

उन्हें उम्मीद थी कि प्रीमैच्योर डिलीवरी होने पर बच्चा मृत पैदा होगा। जिसे आसानी से ठिकाने लगा दिया जाएगा, लेकिन बच्चा स्वस्थ्य पैदा हुआ तो पीड़िता की मां ने उसे बोरी में डालकर आसमां को ही ठिकाने लगाने के लिए दे दिया। 60 हजार रुपए एडवांस भी दे दिए।

काउंसिलिंग के बाद होगी नाबालिग की गिरफ्तारी डीसीपी प्रियंका शुक्ला ने बताया कि नाबालिग से संबंध बनाने वाला भी बाल अपचारी है। केस में इन दोनों को भी आरोपी बनाया गया है। हालांकि दोनों की फिलहाल गिरफ्तारी नहीं की जा सकी है। पुलिस सूत्रों की माने तो दोनों की काउंसिलिंग कराई जा रही है। इसके बाद दोनों की गिरफ्तारी की जाएगी। नाबालिग अपनी मां के साथ जहांगीराबाद थाना क्षेत्र में रहती है। उसके पिता दस साल पहले मां को छोड़ चुके हैं, वह अलग रहते हैं।

आरोपी डॉक्टर ने खुद को भाजपा नेता बताया आरोपी डॉक्टर अशोका गार्डन में प्राइवेट क्लीनिक का संचालन करता है। जो पुलिस हिरासत में खुद को भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ का मंडल अध्यक्ष बता रहा है। उसने घर और क्लीनिक पर भी बीजेपी के पद के साथ नेम प्लेट लगा रखी है।

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