छत्तीसगड़

थुलथुली मुठभेड़ में मारे गए 8 लाख के इनामी नक्सली सुरेश उर्फ जानकू की पत्नि ने कहा हमें गम नहीं है, उसने गलत रास्ता चुना

दंतेवाड़ा

नक्सलियों के साथ 4 अक्टूबर को हुए सबसे बड़े थुलथुली मुठभेड़ में मारे गए 31 नक्सलियों के शव में से 8 लाख रुपए के इनामी नक्सली सुरेश उर्फ जानकू की पत्नी टूबरी पुलिस के कहने पर परिवार वाले उसका शव लेने आज मंगलवार को दंतेवाड़ा पहुंचे हैं। टूबरी ने मीडिया से चर्चा में बताया कि माता-पिता ने सुरेश से उसकी शादी करवाई थी। शुरूआत में वह घर की जिम्मेदारी संभाल रहा था, हमारे 3 बच्चे भी हुए, पति खेती-किसानी करने जाता था, घर की जिम्मेदारी संभाल रहा था, पूरा परिवार खुश था। लगभग 15 वर्ष पहले वह एक दिन रात में घर से निकलकर कहीं चला गया। अगले दिन उसे खोजने निकले लेकिन उसका कंही पता नहीं चला। एक हफ्ते बाद जब वह घर लौटा तो उसके हाथों में हथियार और जिस्म में काली वर्दी थी, उसने बताया कि वह नक्सली बन गया है। हमने उसे बहुत रोका, लेकिन नहीं माना, उस दिन के बाद से वह कभी लौटकर घर नहीं आया।

नक्सली की पत्नी ने कहा कि उसके जाने के बाद 3 बच्चों की परवरिश मैंने खुद की, बच्चों को पिता की शक्ल तक याद नहीं है। हमें उम्मीद थी कि उसे अपने बच्चों की याद आएगी, तो वह घर जरूर आएगा, लेकिन दिन गुजरता गया। जब वह कुछ सालों तक नहीं लौटा तो फिर हमने भी उम्मीद छोड़ दी। अब 15 साल बाद खबर आई कि मुठभेड़ में वह मारा गया है। हमें गम नहीं है क्योंकि उसने परिवार को छोड़कर गलत रास्ता चुन लिया था। पुलिस के कहने पर शव लेने आए हैं, ले जाकर अंतिम संस्कार करेंगे। मारे गये नक्सली सुरेश के भाई संतुराम का कहना है कि भाई नक्सल संगठन में क्यों चला गया यह हमें नहीं पता। घर से जाने के बाद वह कभी मिलने नहीं आता था। उसकी मौत की खबर मुझे सोशल मीडिया के माध्यम से मिली,अब पुलिस के कहने पर उसका शव लेने आये हैं।

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